छत्तीसगढ़

आरक्षण संशोधन अध्यादेश राजपत्र में प्रकाशित

छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रभावशील

रायपुर। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) संशोधन अध्यादेश 2019 का छत्तीसगढ़ के राजपत्र (असाधारण) में आज 4 सितंबर 2019 को प्रकाशित कर दिया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में राज्य में अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया था, जो राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही पूरे राज्य में प्रभावशील हो गया है।
राज्यपाल द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण ) अधिनियम 1994 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संशोधित कर नया अध्यादेश जारी किया गया है। विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा जारी अध्यादेश के अनुसार प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पदों में राज्य स्तर पर, किसी भर्ती के वर्ष में उद्भूत होने वाली रिक्तियों के संबंध में अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह अध्यादेश प्रकाशन की तिथि से सम्पूर्ण राज्य में लागू हो गया है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से अभिप्राय है अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिछड़ावर्गों के लिए आरक्षण के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए व्यक्ति जिसके परिवार की सकल वार्षिक आय 8 लाख रूपए से कम है। आय में आवेदन के वर्ष से पूर्व के वित्तीय वर्ष हेतु सभी स्त्रोतों अर्थात वेतन, कृषि, व्यवसाय, वृत्ति आदि से होने वाली आय शामिल होगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के रूप में ऐसे परिवार के व्यक्तियों को चिन्हित नहीं किया जाएगा जिनके पास 05 एकड़ या उससे अधिक की कृषि भूमि, एक हजार वर्ग के या इससे अधिक का आवासीय फ्लेट, अधिसूचित नगरपालिकाओं में सौ वर्ग गज अथवा इससे अधिक का आवासीय प्लाट, अधिसूचित नगरपालिकाओं से भिन्न अन्य क्षेत्रों में दो सौ वर्ग गज अथवा इससे अधिक का आवासीय प्लाट हो भले ही परिवार की आय कुछ भी हो।

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