छत्तीसगढ़

पांच तहसीलों में फसल चौपट की आशंका, 37 में बारिश कम

रायपुर। प्रदेश की पांच तहसीलों में तकरीबन फसलों के चौपट होने की आशंका है। यहां 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है। बताया गया कि हाल की बारिश के बाद 37 तहसीलों में हालत कुछ बेहतर हुई है और यहां फसलों में सुधार की गुंजाइश है।
प्रदेश में अल्पवर्षा के चलते धान की फसल को भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। इनमें से पांच तहसील ऐसे हैं जहां बारिश बहुत कम हुई है। यहां अब तक 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है। इन तहसीलों में सीतापुर, तिल्दा, धमधा, राजनांदगांव और साजा है।
बताया गया कि 37 तहसीलों में अपेक्षाकृत स्थिति बेहतर है। यहां 51 से 75 फीसदी तक बारिश हुई है। इनमें सरगुजा जिले की चार, बलरामपुर तीन, जशपुर दो, रायपुर दो, बिलासपुर एक, बलौदाबाजार एक, गरियाबंद एक, जांजगीर-चांपा पांच, कोरबा एक, दुर्ग एक, कबीरधाम एक, राजनांदगांव पांच, बालोद तीन, बेमेतरा दो, कांकेर चार तहसील शामिल है। बाकी 108 तहसीलों में 76 फीसदी से अधिक वर्षा हो चुकी है। पिछले साल इसी अवधि तक 826.7 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी। इस बार अब तक 807.2 मिमी वर्षा हुई है।
बताया गया कि सूरजपुर, गरियाबंद, धमतरी, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा, कवर्धा में ही पिछले वर्षों की तुलना में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। सबसे ज्यादा बस्तर में 1338 मिमी वर्षा हुई है, जो कि पिछले साल से 140 मिमी अधिक है। नारायणपुर में भी 1294, दंतेवाड़ा में 1315, कोंडागांव में 1169, सुकमा में 1331, बीजापुर में 1793 मिमी वर्षा हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है। इससे सरगुजा और बिलासपुर संभाग की स्थिति कुछ बेहतर हो सकती है।
दूसरी तरफ, फसलों को बचाने के लिए अभियान भी चल रहा है। गंगरेल और मिनीमाता डेम से पानी छोड़ा गया है। मगर, दुधावा और अन्य छोटे जलाशयों से पानी नहीं दिया जा पा रहा है। यहां स्थिति काफी खराब है। बालोद और अन्य जगहों से पानी छोडऩे की मांग आ रही है, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि अगले एक हफ्ते के भीतर रायपुर, दुर्ग संभाग में अच्छी बारिश नहीं हुई तो यहां धान की फसल को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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