छत्तीसगढ़

BSP ने विदेशों पर खत्म की निर्भरता, पनडुब्बी-रॉकेट लांचर का बना रहा प्लेट

भिलाई। रॉकेट लांचर और पनडुब्बियों के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) स्पेशल ग्रेड का स्टील बना रहा है। विदेशी स्टील पर निर्भरता को खत्म करने की मुहिम देश में चल रही है। इसका श्रेय बीएसपी को जाता है। जमीन से आसमान तक देश की तरक्की के लिए भिलाई में स्टील की प्लेट बनाई जा रही है। इसी प्लेट से रॉकेट लांच का कैप और इसको का लांचिंग पैड तक बनाया जाएगा।
स्र्स की मदद से बना बीएसपी मेक इन इंडिया में सबसे बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत की जरूरतों को रूस, कनाडा, ब्रिटेन, चीन आदि देश ही पूरा कर रहे थे। विक्रम साराभाई स्पेश रिसर्च सेंटर और मिश्र धातु निगम लिमिटेड-मिधानी ने शोध के आधार पर विदेशी तकनीकी को देश में ही विकसित किया है।
रॉकेट लांचर से निकलती लौ को सहन करने वाली क्षमता बीएसपी के स्टील में पाई गई। इसलिए इसे यह जिम्मा दिया गया है। रॉकेट लांचर के इंजन के लिए प्लेट सबसे अधिक उच्च ताप की होती है।
यह दुनिया में बहुत कम देश में ही बनती है। अब देश में भिलाई इसमें शामिल हो गया है। उच्च ग्रेड का प्लेट बनाने के लिए बीएसपी ने सबका विश्वास जीता है। प्लेट के उत्पादन यानी रोलिंग के समय रिसर्च सेंटर और मिधानी के एक्सपर्ट खुद मौजूद रहते हैं।
सामान्य स्टील में ऐसे धातु मिश्रित करते हैं, जो इसकी शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है। बदलते हुए तापमान और वातावरण को झेलने की क्षमता पैदा करता है। यह स्टील आसानी से नहीं बनती। इसलिए दुनिया के चंद देशों के पास ही इसकी तकनीक है। स्टील में मिश्रित किए जाने वाले धातु पृथ्वी पर कम मात्रा पर पाए जाते हैं।
इसलिए इसका महत्व बहुत अधिक है। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान इस क्षेत्र में शक्तिशाली माना जाता है। कई दशक से चले शोध के बाद अब भारत भी इन्हें टक्कर देने को तैयार हो गया है। इसकी गवाही भिलाई इस्पात संयंत्र में निर्मित स्टील दे रहा है।
बीएसपी ने विशिष्ट इस्पात बनाने की क्षमताओं के परिणाम स्वरूप घरेलू उद्योग में जगह बनाने की कोशिश की है। रक्षा के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए भी इस्पात का निर्माण कर रहा है। इससे देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। – जैकब कुरियन, विभाग प्रमुख-जनसंपर्क, बीएसपी

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