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‘फेलिक्स हो सकते हैं अगले क्रिस्टियानो रोनाल्डो’

लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो अपने करियर की ढलान पर हैं। दोनों के प्रदर्शन में यूं तो कोई खास गिरावट नहीं आई है, लेकिन बढ़ती उम्र और उनका लगातार चोटिल होना इशारा कर रहा है कि अब दर्शकों को आने वाले कुछ सालों तक ही इनका जादू देखने को मिलेगा। ऐसे में सभी सोच रहे हैं कि अगला रोनाल्डो या मेसी कौन होगा।
स्पेनिश क्लब एटलेटिको मेड्रिड और उरुग्वे के लिए विश्व कप खेल चुके डिएगो फोरलान का मानना है कि पुर्तगाल के ही युवा खिलाड़ी जोआओ फेलिक्स अगले रोनाल्डो हो सकते हैं। फोरलान ने 2010 के विश्व कप में दमदार प्रदर्शन करते हुए गोल्डन बॉल अपने नाम किया था। 35 लाख की आबादी वाला यह देश टूर्नामेंट में चौथे पायदान पर रहा था।
एटलेटिको मेड्रिड और मैनचेस्टर युनाइटेड से खेल चुके फोरलान 2016 में तीन महीनों के लिए इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में मुंबई के लिए भी खेले। उन्होंने कहा कि एटलेटिको से खेल रहे 19 साल के फेलिक्स अगले रोनाल्डो हो सकते हैं। फेलिक्स को 2019-20 सीजन की शुरुआत से पहले स्पेनिश क्लब ने करीब 12.6 करोड़ यूरो में खरीदा, जिसने उन्हें दुनिया का चौथा सबसा महंगा खिलाड़ी बना दिया।
फोरलान ने आईएएनएस से कहा, “फेलिक्स अगले रोनाल्डो हो सकते हैं। वह युवा खिलाड़ी हैं और बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्री-सीजन में दमदार प्रदर्शन किया और 2019-20 में वह एटलेटिको के लिए शानदार फुटबॉल खेल रहे हैं। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह रोनाल्डो जैसे ही बनेंगे, लेकिन उनके पास दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने की प्रतिभा है। हालांकि, हमें उनपर अधिक दबाव नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उनकी उम्र अभी बहुत कम है।”
उन्होंने उरुग्वे और एफसी बार्सिलोना के लिए खेलने वाले स्ट्राइकर लुइस सुआरेज को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ नंबर-9 भी बताया। फोरलान ने कहा, “सुआरेज बेहतरीन स्ट्राइकर हैं, वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ नंबर-9 हैं। आप कह सकते हैं कि मेसी और रोनाल्डो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं, लेकिन नंबर-9 की पॉजिशन पर सुआरेज से बेहतर कोई नहीं है। कुछ लोगों को मेसी अच्छे लगते हैं जबकि कुछ लोगों को रोनाल्डो पसंद हैं। हालांकि, मैं इन दोनों के बीच में अंतर नहीं बता सकता। यह बहुत मुश्किल है।”
उन्होंने भारतीय फुटबॉल पर भी चर्चा की और कहा कि भारत में फुटबॉल लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन ‘आप लोगों को संयम रखना होगा।’ फोरलान ने कहा, “भारत में फुटबॉल लगातार आगे बढ़ रहा है। यह समझना मुश्किल है कि कैसे इतनी आबादी होने के बाद भी फुटबॉल यहां पर नंबर-1 खेल नहीं है जबकि दुनियाभर में यह सबसे बड़ा खेल है। यह सांस्कृतिक चीज है। जिन देशों के पास फुटबॉल में कोई इतिहास नहीं है उन्हें यह समझना होगा कि कोई भी फुटबॉल खेल सकता है, चाहे उनका खेल में कोई गौरवशाली इतिहास हो या नहीं।”
उन्होंने कहा, “मैंने यहां अच्छे फुटबॉल खिलाड़ियों को देखा है और इनके लिए शीर्ष स्तर पर पहंुचना आसान नहीं होगा, क्योंकि आप खेल में अन्य बड़े देशों से कई साल पीछे हैं, लेकिन आपको अनुभवी कोच और खिलाड़ियों को लाना होगा, ताकि भारत में खिलाड़ियों को लगातार अच्छी ट्रेनिंग मिल सके।”
यह पूछे जाने पर कि भारतीय खिलाड़ियों और यूरोप में मौजूद शीर्ष टीम के खिलाड़ियों के द्वारा की जा रही ट्रेनिंग में कितना अंतर है? फोरलान ने कहा “यह बताना थोड़ा मुश्किल है, मैं यहां मुंबई की टीम के लिए आईएसएल में बहुत कम खेला। हमने ज्यादा ट्रेनिंग नहीं की। हालांकि, ट्रेनिंग बहुत अच्छी थी, क्योंकि ज्यादा कोच विदेशी हैं इसलिए यहां और यूरोप में की जाने वाली ट्रेनिंग में ज्यादा अंतर नहीं है। मैं देख सकता हूं कि भारत में खिलाड़ी जल्द ही ट्रेनिंग के अनुकूल हो जाते हैं और पूरी मेहनत करते हैं।”

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