छत्तीसगढ़

नौकरी दिलाने के नाम पर 153 बेरोजगारो से लाखों की ठगी

रायपुर। राजधानी में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ठगी का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। नया रायपुर के राखी में सैकड़ों लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर दक्ष संस्था द्वारा फर्जी परीक्षा आयोजित करने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है और दूसरा मामला सामने आ गया।
इस बार शातिर ठगों ने डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आउट सोर्सिंग के जरिए विभिन्ना पदों पर नौकरी लगाने का झांसा देकर 153 बेरोजगारों से 18 लाख 12 हजार रुपये ठग लिए। शिकायत मिलते ही पुलिस ने दो शातिरों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। ठग गिरोह का मास्टर माइंड डीकेएस में मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करने वाला निकला। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद हुए हैं।
आमानाका थाना प्रभारी रोहित मालेकर ने बताया कि मूलतः दुर्ग जिले के जामगांव निवासी पुकार कुमार चंद्राकर (30) पिता गेंदलाल चंद्राकर हाल ज्योति नगर कोटा (सरस्वती नगर) ने आमानाका थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि वह टाटीबंध जीई रोड एम्स गेट के सामने पुकार ट्रेनिंग एवं कंसल्टिंग नाम से प्रशिक्षण केंद्र तथा महतारी नामक एनजीओ का संचालन कर रहा है।
प्रशिक्षण सेंटर में बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर उनको रोजगार मिले, इसके लिए संस्था प्रयास कर रही थी। इसी दौरान एमआइजी 65 सड्डू मोवा निवासी तोरण नेताम (42), सी-19 अवनी विहार दलदल सिवनी मोवा निवासी मितेश कुमार पिल्ले (38) तथा अन्य ने अप्रैल 2018 में प्रशिक्षण केंन्द्र से ट्रेनिंग प्राप्त उम्मीदवारों से संपर्क कर डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सिक्यूरिटी गार्ड, हाउस कीपिंग एवं चपरासी के पद पर आउट सोर्सिंग के माध्यम से नौकरी लगाने का झांसा देकर एवज में लाखों रुपये की मांग की।
नौकरी के लालच में 153 बेरोजगार इनके झांसे में आ गए। इसके बाद बेरोजगारों से ठगों ने 18 लाख 12 हजार रुपये ठग लिए। कुछ दिनों बाद आवेदकों ने नौकरी के बारे पूछताछ की तो वे टाल-मटोल करने लगे। पैसा वापस मांगने पर मितेश यह कहकर झांसा देने लगा कि आचार संहिता लगने एवं सरकार बदलने पर नौकरी लगने में विलंब हो रहा है, लेकिन जल्द ही नौकरी मिल जाएगी।
शंका होने पर बेरोजगारों ने पतासाजी की तो पता चला कि डीकेएस अस्पताल में किसी पद पर भर्ती नहीं निकली है और न ही भर्ती होने वाली है। ठगे जाने का एहसास होने पर गुरुवार रात को पुकार चंद्राकर ने आमानाका थाने में रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने मामले में धारा 420, 34 के तहत अपराध कायम कर मितेश कुमार एवं तोरण नेताम को गिरफ्तार कर लिया।
ठग गिरोह का मास्टर माइंड मितेश कुमार डीकेएस अस्पताल में मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करता था। इससे उसकी जान-पहचान वहां पदस्थ कई अधिकारियों से है। इसी बात का फायदा उठाकर आरोपियों ने उठाया। ठगी का आकंड़ा एक करोड़ से अधिक बताया जा रहा है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।

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