रोचक तथ्य

आज धनतेरस पर इस चौघड़िया मुहूर्त में करें पूजा, मां लक्ष्मी का होगा घर में स्थायी निवास

धनतेरस यानी दीरोत्सव की शुरूआत। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सोने या चांदी का सामान और बर्तन खरीदने से घर में बरकत आती है और मां लक्ष्मी का स्थायी निवास रहता है। धनतेरस पर खरीदी गई वस्तु व्यक्ति के पास स्थाई रहती है। उसका क्षय नहीं होता है। कहते हैं दिवाली और धनतेरस के दिन स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा की जानी चाहिए। इसे मां लक्ष्मी का घर में स्थायी वास होता है। राशियों के अनुसार खरीदारी करने पर वर्ष भर धन, सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्रकट से प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस के दिन आयु, अच्छे स्वास्थ्य और धन के लिए भगवान धन्वन्तरि और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।
शास्त्रों में इस बारे में कहा गया है कि जिन परिवारों में धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती। इस बार धनतेरस पर बन रहे लग्नादि, चंद्र मंगल, सदा संचार और अष्टलक्ष्मी फलदायी शुभ संयोग से इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है। इसलिए धनतेरस और दीपावली पर स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी, गणेश, मां सरस्वती और कुबेर की पूजा की जाती है। यहां हम आपको बता रहे हैं पूजा का स्थिर लग्न और शुभ बेला:
चौघड़िया मुहूर्त
रात 8.52 से रात 10.30 बजे तक
त्रयोदशी तारीख
25 अक्तूबर की शाम 4.42 से 26 अक्तूबर की दोपहर 2.29 बजे तक
लक्ष्मी पूजन कुंभ लग्न
दिन में 01:56 बजे से 03: 27 बजे तक
लक्ष्मी पूजन वृष लग्न
सायं 06:35 बजे से 08:30 बजे तक
लक्ष्मी पूजन सिंह लग्न
रात्रि 01 : 01 बजे से 03:15 बजे तक
पं. दिवाकर त्रिपाठी ‘पूर्वांचली के अनुसार खरीदारी का शुभ मुहूर्त
लाभ बेला : शाम 4:31 बजे से शाम 5:13 बजे तक
अमृत बेला : शाम 7:14 से 8:49 बजे तक
शुभ बेला : रात 10:25 से रात 12 बजे तक
धन्वंतरी पूजन : दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक
लक्ष्मी-गणेश : शाम 5 बजे से 6 बजे तक

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