छत्तीसगढ़

CBSE का नया निर्देश: प्राचार्य और शिक्षक हर साल लेंगे 50 घंटे की अनिवार्य ट्रेनिंग, नैतिक शिक्षा भी होगी शामिल

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षकों और प्राचार्यों के लिए एक बड़ा निर्देश जारी किया है। अब देशभर के सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों को हर साल कम से कम

रायपुर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षकों और प्राचार्यों के लिए एक बड़ा निर्देश जारी किया है। अब देशभर के सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों को हर साल कम से कम 50 घंटे की प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यह प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड्स फॉर टीचर्स (NPST) के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित किए जाएंगे।

तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित होगी ट्रेनिंग
इस प्रशिक्षण को तीन हिस्सों में बांटा गया है—

  • 12 घंटे मूल्य और नैतिकता
  • 24 घंटे ज्ञान और अभ्यास
  • 14 घंटे प्रोफेशनल ग्रोथ और डेवलपमेंट

इसमें बोर्ड परीक्षाओं की ड्यूटी, शोध कार्य, डिजिटल कंटेंट निर्माण, और सीबीएसई द्वारा आयोजित शैक्षणिक कॉन्फ्रेंस जैसी गतिविधियां भी शामिल रहेंगी।

विज्ञान, तकनीक और गणित होंगे केंद्र में
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बोर्ड ने STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) को ट्रेनिंग का मुख्य विषय बनाया है। स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे जिला स्तर पर विचार-विमर्श सत्र (District-Level Deliberations) आयोजित करें, जहां शिक्षकों को विषयों के अंतर्संबंध और प्रश्न आधारित शिक्षण की ओर प्रोत्साहित किया जाए।

स्कूल स्तर पर भी होंगी पहलें
ट्रेनिंग का आधा हिस्सा CBSE या सरकारी संस्थानों द्वारा कराई जाएगी, जबकि शेष 25 घंटे की ट्रेनिंग स्कूल स्तर पर या नजदीकी संस्थानों के सहयोग से पूरी की जाएगी।

पहले नहीं थी अनिवार्यता
पहले इन कार्यक्रमों में भागीदारी वैकल्पिक थी, लेकिन अब बोर्ड ने इसे सभी शिक्षकों और प्राचार्यों के लिए अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए सीबीएसई निशुल्क और हाइब्रिड मोड में वेबिनार और ट्रेनिंग सत्र आयोजित करेगा ताकि अधिकतम लोग जुड़ सकें।

बोर्ड ने सभी स्कूल प्रमुखों से अपील की है कि वे निरंतर सीखने और प्रोफेशनल विकास की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए इस बदलाव की अगुवाई करें। यह पहल शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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