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Israel Vs Iran War: इजरायल के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरान का ‘जहन्नुम’ खोलने का एलान, दागी गईं बैलिस्टिक मिसाइलें

Israel Vs Iran War: मध्य पूर्व में हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। ईरान और इजरायल के बीच एक पूर्ण युद्ध छिड़ गया है, और दोनों ही देशों ने...

Israel Vs Iran War: मध्य पूर्व में हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। ईरान और इजरायल के बीच एक पूर्ण युद्ध छिड़ गया है, और दोनों ही देशों ने एक-दूसरे को ‘खत्म करने की कसम’ खा ली है। शुक्रवार से शुरू हुए इजरायली हमलों के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने कड़ी चेतावनी दी है कि इजरायल को ‘कड़ी सजा मिलेगी’ और इस हमले के साथ ईरान ‘जहन्नुम के दरवाजे खोल देगा’।

इजरायल के हमले और ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’

शुक्रवार सुबह से ही इजरायल के ईरान पर हमले जारी हैं। इजरायली सेना ने ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने पहले से ही ईरान में ड्रोन और फाइटर जेट्स को गोपनीय तरीके से तैनात कर दिया था, ताकि उसके अहम ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया जा सके। इन हमलों का एक अन्य मकसद ईरान के शीर्ष जनरल और वैज्ञानिकों को निशाना बनाना भी था। इजरायल ने अपने इन हमलों को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया है, और कहा है कि यह हमला उसके दुश्मन को परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंचने से पहले जरूरी था।

प्रमुख सैन्य अधिकारियों की मौत:

  • मोहम्मद बाघेरी: ईरान के सर्वोच्च रैंक के सैन्य अधिकारी और सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ।
  • हुसैन सलामी: इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ।
  • घोलमाली रशीद: IRGC के खातम-अल अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के मुखिया।
  • इनके अलावा, इजरायली हमलों में ईरान के परमाणु कार्यक्रमों से जुड़े छह परमाणु वैज्ञानिकों सहित कई और प्रभावशाली लोगों को भी निशाना बनाया गया है।

परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया: इजरायल ने ईरान के नतांज न्यूक्लियर साइट पर भी हमला किया है, जहां ईरान अपना अधिकांश परमाणु ईंधन बनाता है। नतांज में भूमिगत परमाणु संयंत्र भी हैं, और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इजरायल के हमले से असल में कितना नुकसान हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ईरान को ‘समझौता करना होगा, इससे पहले कि कुछ भी न बचे।’

ईरान की जवाबी कार्रवाई: ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’

इजरायली हमलों के जवाब में, ईरान ने शुक्रवार देर रात तक इजरायल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलों को दागा। इन मिसाइल हमलों से यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में जोरदार विस्फोट हुए और कई इमारतें तक हिल गईं। हमलों के दूसरे दौर में, शनिवार की सुबह यरुशलम के आसमान में सायरन और ब्लास्ट की आवाजें सुनी जा सकती थीं। इजरायल की सेना ने अपने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे कहीं सुरक्षित आश्रय ले लें।

ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने बताया कि इजरायली हमलों में 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए। वहीं, इजरायल की पैरामेडिक सेवाओं के अनुसार, तेल अवीव क्षेत्र में हुए मिसाइल हमलों में 34 लोग घायल हुए, जिनमें एक महिला भी शामिल है जो मलबे के नीचे फंसने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गई।

अमेरिकी मदद और बढ़ती अनिश्चितता

तेल अवीव के पूर्व में रमत गान में मिसाइल हमलों के बाद जली हुई कारें और कम से कम तीन क्षतिग्रस्त घर देखे गए, जिनमें से एक का सामने का हिस्सा लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया था। एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से न्यूज एजेंसी एपी ने जानकारी दी है कि क्षेत्र में तैनात अमेरिकी ग्राउंड एयर डिफेंस सिस्टम ईरानी मिसाइलों को मार गिराने में मदद कर रहे हैं।

इजरायल के जारी हवाई हमले और खुफिया अभियान, साथ ही ईरान की जवाबी कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच एक पूर्ण युद्ध की चिंताओं को बढ़ा दिया है। इससे पहले से ही तनावग्रस्त मध्य पूर्व क्षेत्र और भी ज़्यादा अनिश्चितता में धकेल दिया गया है। ईरान ने इजरायल के खिलाफ जो ऑपरेशन लॉन्च किया है, उसे उसने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ नाम दिया है।

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