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डॉ रमन का ओहदा बढा,बनाए गए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव , राजनांदगांव होगी पहली पसंद

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में एक बार फिर महत्वपूर्ण ओहदा देकर यह जतला दिया है कि राज्य में पार्टी की पहली पसंद वे ही हैं। राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में भी डॉक्टर रमन की पसंद को तवज्जो मिलने वाली है। इस बीच पार्टी में यह भी चर्चा है कि राजनांदगांव से अभिषेक सिंह की जगह डॉक्टर रमन चुनाव लड़ सकते हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर यह संकेत दिया है कि यह तीनों नेता अब केंद्रीय राजनीति की ओर जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में एनडीए की वापसी की रणनीति में जुटी भाजपा ऐसे बड़े चेहरों की तलाश में है जिनकी बदौलत भाजपा की सीटें यथावत रह सकें।

चूंकि तीनों राज्यों में सरकारें बदल गई हैं इसलिए लोक सभा के प्रत्याशियों का चयन भी सोच समझ कर करना होगा। दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में विचार मंथन के बाद पार्टी प्रत्याशियों पर चर्चा करेगी। फिलहाल यह संकेत दे दिए गए हैं कि बड़े लीडर्स को अब लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा। डॉ रमन को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने यह संदेश तो दे ही दिया है कि अब रमन केंद्र की राजनीति की ओर जा रहे हैं।

ऐसे में उन्हें लोकसभा का चुनाव भी लड़ाया जा सकता है। यदि वे लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं तो उनकी पहली पसंद राजनांदगांव होगी, जहां से उनके पुत्र अभिषेक सिंह अभी सांसद हैं। डॉक्टर रमन और अभिषेक एक ही परिवार के दो सदस्य लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे।ऐसे में सबसे ज्यादा संभावना इस बात की है कि राजनांदगांव से डॉक्टर रमन लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा के सामने अभी 11 प्रत्याशियों का चयन विचार मंथन का विषय है।राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीम उत्साहित है। बघेल के नेतृत्व में समितियां भी बन चुकी हैं। ऐसे में भाजपा को पूरी ताकत के साथ सीटे बचाने के लिए जूझना होगा। राज्य की 11 में से 10 सीटों पर अभी भाजपा काबिज है।यह प्रदर्शन यथावत रखना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। पार्टी कुछ वर्तमान सांसदों को बदलकर नए प्रत्याशी भी उतार सकती है।कोरबा का प्रत्याशी बदलना तय है।

प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी चल रही है कवायद

भाजपा पराजय के बाद प्रदेश में नए नेतृत्व की भी तलाश कर रही है।पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा में आदिवासी नेतृत्व पर भी विचार किया जा रहा है। पूर्व संगठन मंत्री राम प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री केदार कश्यप सहित कुछ नामों पर चर्चा चल रही है।

ओबीसी से धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं। सामान्य वर्ग यह पद दिए जाने की संभावना काफी कम है।यह तो तय है कि इस मामले में भी डॉक्टर रमन की टीम पर ही केंद्रीय नेतृत्व भरोसा करेगा। 2 दिन के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद इस पर फैसला संभावित है।

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