छत्तीसगढ़

मादा हाथनी ने हमले से ग्रामीणों पर मंडराया जान का खतरा, आस पास के गांवों में मची अफरातफरी

जशपुर|जिले के कई गांवों में हाथियों का आतंक बना हुआ है। बादलखोल अभ्यारण हमेशा से ही हाथियों का घर रहा है। जहां आज भी हाथियों का कई झुण्ड जंगलों में विचरण करता रहता है। जिसकी वजह से जंगलों के आस पास रहनें वाले ग्रामीण भी खौफ में रहते हैं।आज सुबह ही जिले के नारायणपुर रानीकम्बो के रहने वाले 45 वर्षीय बन्धुराम पिता लखनराम को मादा हाथनी ने सूंड से हमला कर उसकी कमर ही तोड़ दी। ग्रामीणों की मदद से घायल को मारुति वैन से कुनकुरी अस्पताल लिया गया।
जानकारी के अनुसार घायल के नाक से लगातार रक्तस्राव हो रहा है, जिसकी वजह से उसकी हालत अब तक गंभीर बतायी जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि आज सुबह मादा हाथनी अपने शावक के साथ नारायणपुर हाईस्कूल के पास सागौन जंगल में आ गयी थी । वहां निवासी बन्धुराम को इस बात की जानकारी नहीं थी ना तो उसकी पत्नी को थी। इसलिए सुबह उठकर दोनो पति पत्नी नित्य क्रिया से निवृत्त होने चले गए थे फिर जैसे ही मादा हाथनी की नजर उन दोनों पर पड़ी वह उनपर टूट पडी़। सामने हाथनी को देख दोनों अपनी जान बचाने के लिए भागे और अगल बगल के गड्ढे में कूद गए लेकिन हाथनी की चपेट में आने से बन्धुराम खुद को नहीं बचा सका और उसके प्रहार से वह बुरी तरह घायल हो गया। वहीं दूसरे गड्ढे में छिपी उसकी पत्नि सुरक्षित रही।
घटना स्थल पर वन विभाग की टीम ने पहुंच कर हालात का जायजा लिया और घायल बन्धुराम को कुनकुरी अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि कागजों पर स्वच्छ भारत अभियान की आपार सफलता के बावजूद आज भी कई गावों में ग्रामीण बाहर शौच जाने के लिये मजबूर हैं।

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