छत्तीसगढ़

कांग्रेेस भवन में हर दिन तीन घंटे कार्यकर्ताओं की समस्या सुनेंगे मंत्री yu

विधायक और प्रत्याशियों को निगम-मंड़लों में नहीं मिलेगा पद, नगरीय चुनाव के में कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा तव्वजों

रायपुर। लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में हुई हार के बाद कांग्रेस संगठन ने आम कार्यकर्ताओं के पक्ष में कई बड़े फैसले लिए है। अब कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उन्हें उत्साहित करने और उन्हें आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। नगरीय निकाय चुनावों में कार्यकर्ताओं को ही तव्वजों दिया जाएगा। अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंत्रियों के आगे पीछे घुमने की जरूरत नहीं होगी। प्रदेश के सभी मंत्री बारी-बारी से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हर सोमवार से शनिवार तक तीन घंटे के लिए बैठेंगे।
रविवार को कांग्रेस कार्यकारिणी की तीन महत्वपूर्ण बैठकें हुई। इनमें कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के साथ कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशियों की भी बैठक बुलाई गई थी। साथ ही जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की भी बैठक भी हुई। लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के साथ ही आने वाले उपचुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई गई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, एआईसीसी के सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. चंदन यादव और डॉ. अरूण उरांव भी मौजूद थे।
पीएल पुनिया ने कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं और जनता को ज्यादा अहमियत देने की जरूरत है। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अब राजीव भवन में मंत्रीयों के द्वारा कार्यकर्ताओं से मुलाकात और उनकी समस्याओं को सुने जाने के फैसले के पीछे उनका सरकार सीधे जुड़े रहना है। इससे उनकी समस्याओं का आसानी से निराकरण हो पाएगा। सरकार और संगठन में बेहतर सामंजस्य को बनाए रखने को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि अब कार्यकर्ताओं को काम के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने इस बैठक में कई निर्णय लिए गए। इसमें विधायक और प्रत्याशियों को अब निगम मंडल में पद नहीं दिया जाएगा। आम कार्यकर्ताओं को नहीं निगम। मंड़लों में भेजा जाएगा। साथ ऐसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा जिन्होंने चुनावों में अच्छा काम किया है। बैठक में यह भी कहा गया कि नगरीय क्षत्रों में कांग्रेस का वोट शेयर कम हुआ है, इस पर चिंतन जरूरी है। लोकसभा चुनाव में देखा गया कि शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस हर बूथ में पीछे रही। यह प्रतिशत विधानसभा चुनाव के मुकाबले काफी कम रहा। पार्टी ने इस पर कहा कि अब नये सिरे से पार्टी में सांगठनिक गतिविधियों को संचालित किया जाएगा। नए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को इसके लिए उत्साहित करने पर जोर दिया गया। बैठक में कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशियों ने बताया कि चुनाव के दौरान जो कमियां आई उनके संबंध में लंबी सूची प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के समक्ष रखी। प्रत्याशियों ने मूल रूप से सामंजस्य की कमी को ही प्रमुख रूप से उठाया। पार्टी ने संगठन स्तर पर इन कमियों को भविष्य में दूर करने की बात कही है। प्रत्याशियों के अनुसार हार के कारणों में कई बातों का जिक्र किया गया। इसमें कहा गया कि मतदान के दिन तक उन्हें भाजपा के अंडर करेंट था इसके बारे में जानकारी नहीं मिली। वहीं आरएसएस ने कई मुद्दों में अफवाह फैलाकर कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध दुष्प्रचार भी किया। वहीं लोकसभा चुनाव में हार के कारण पर उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में हम प्रचार में कमजोर रहे हैं। कुछ प्रत्याशियों ने भितरघात करने के बारे कहा पर इसके लिए किसी का नाम नहीं लिया गया।
बूथ स्तर पर होगी अनुभवी लोगों की नियुक्ति
इसके साथ ही बूथ बूथ स्तर पर अनुभवी लोगों को ही मौका दिये जाने का निर्णय लिया गया है। पार्टी अब ऐसे लोगों को बूथ की जिम्मेदारी देगी जिन्होंने चुनाव में काम किया है। इससे बूथ स्तर पर पार्टी को और भी ज्यादा मजबूती मिलेगी। इसके तहत कांग्रेेस में दूसरी पार्टी छोड़कर घर वापसी करने वाले नेताओं को अब बड़ी जिम्मेदारियां सौंपे जाने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस में प्रवेश किए नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाने का निर्णय लिया उन्होंने कहा कि इससे भितरघात काफी हद तक कम हो जाएगा। कांग्रेस संगठन के बारे में भी चर्चा करते उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को अपने बूथों को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है उन्होंने कहा अब ऐसे लोगों को बूथ की जिम्मेदारी देनी होगी जिन्होंने चुनाव में काम भी किया है।

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