छत्तीसगढ़

इलाज का झांसा देकर डॉक्टर ने मरीज का निकाला गुप्तांग

फोरम ने 5 लाख अर्थदंड की सजा सुनाई

बिलासपुर। इलाज कराने आए मरीज का डॉक्टर ने झांसा देकर गुप्तांग निकाल लिया । प्रार्थी ने डॉक्टर के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर किया, जिसकी सुनवाई करते हुए फोरम ने डॉक्टर को दोषी करार देते हुए 5 लाख रुपए अर्थदंड लगाया है।
मामला मुंगेली जिले के ग्राम पथरिया का है। यहां सेवा सदन के नाम से क्लीनिक चलाने वाले डॉ. आंनद माझी एमबीबीएस. एमएस पर ग्राम गंनाधारी निवासी राकेश श्रीवास ने इलाज के दौरान उसके गुप्तांग निकालने का आरोप लगाते हुए उपभोगता फोरम में याचिका दायर की थी। आवेदक ने फोरम को बताया की शादी होने के 19 साल बाद भी संतान नहीं होने के कारण अगस्त 2०14 को वह जांच कराने उक्त क्लीनिक गया। जहां डॉक्टर ने जांच करने के बाद बताया कि उसका एक अंडकोष उपर चढ़ गया है। जिसे आपरेशन करके ठीक किया जा सकता है। उसके बाद उसकी संतान हो जाएगी। डॉक्टर के परामर्श अनुसार आवेदक ने सोनोग्राफी और जांच कराने के बाद 28 अगस्त 2०14 को उस डॉक्टर से ऑपरेशन कराया। इस दौरान डॉक्टर ने उसका एक अंडकोष ही काट कर अलग निकाल दिया। दो
दिन बाद अस्पताल से उसे छुSी भी दे दी गई। कुछ दिनों बाद आवेदक को कटे स्थान पर तेज दर्द हुआ। लिहाजा वह फिर से डॉ.माझी के पास गया। जहां डॉक्टर ने उसे बताया की उसने उसका अंडकोष काट कर अलग कर दिया गया था। उस स्थान पर सूजन होने से दर्द हो रहा है। वह ठीक हो जाएगा। यह बात सुनते ही पीड़ित के होश गुम हो गए। उसने डॉ. माझी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया, जहां पैरवी के बाद फोरम ने फैसला सुनाया कि डॉक्टर मरीज के रोग का इलाज न कर उसके शरीर का अंग काटा है, जो गलत है। लिहाजा फोरम ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ 5 लाख रुपए हरजाना भरने की सजा सुनाई है।
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