छत्तीसगढ़

कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में हुआ लोकसभा चुनाव में हार पर मंथन

कार्यकारिणी की तीन महत्वपूर्ण बैठक में हुए कई निर्णय उपचुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई गई

रायपुर। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है। रविवार को कांग्रेस कार्यकारिणी की तीन महत्वपूर्ण बैठकें हुई। कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के साथ कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशियों की भी बैठक बुलाई गई है। साथ ही जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की भी बैठक होगी। लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के साथ ही आने वाले उपचुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई गई।
इसी कड़ी में रविवार को राजीव भवन में प्रदेश कार्यकारिणी, लोकसभा प्रत्याशियों और जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, एआईसीसी के सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. चंदन यादव और डॉ. अरूण उरांव भी मौजूद है।
दोपहर 12 बजे लोकसभा प्रत्याशियों की बैठक होगी और दोपहर 2 बजे जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की भी बैठक होगी। बैठक में लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा की गई। वहीं आगामी नगरीय निकाय चुनाव के लिए भी कांग्रेेस ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सभी जिला अध्यक्षों और मोर्चा प्रकोष्ठों के लोगों को अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने कहा गया है।
भितरघात की शिकायत
बैठक के दौरान कार्यकारिणी के सदस्यों ने कई लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता और कुछ स्थानों पर पार्टी पदाधिकारियों के सही समय में चुनाव प्रचार के लिए उपस्थित नहीं होने के कारण विपक्षी पार्टियों के साथ मिली भगत कर भितरघात की शिकायत भी की गई। बताया गया है कि दुर्ग, रायपुर और महासमुंद में इस तरह की शिकायतें आई है। संगठन के जिला अध्यक्षों ने चुनाव के दौरान प्रचार सामाग्री को लेकर भी सवाल उठाए। बताया गया है कि कई जगहों पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने में कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव की तरह उत्साह नहीं दिखाया। कांग्रेस के प्रचार के अलावा कई अन्य शिकायतें आई है। बैठके के दौरान लोकसभा चुनाव में हारे हुए नौ प्रत्याशियों से एक-एक कर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने चर्चा कीञ
दोनो हाथ उठाकर, राहुल के नेतृत्व का समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांगे्रसजनों ने कांग्रेस की विचारधारा और सिद्धांतो को लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने कांग्रेस की सर्व-धर्म-समभाव, समाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की लडाई का कुशल-प्रभावी नेतृत्व किया।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी आज यह प्रस्ताव करती है कि देश और कांग्रेस के समक्ष चुनैतियों को देखते हुये राहुल का नेतृत्व सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही नहीं देश के लिये आवश्यक है। कांग्रेस की विचारधारा को लेकर राजनीतिक और वैचारिक लड़ाई का नेतृत्व जारी रखने का हम छत्तीसगढ़ के कांग्रेस जन राहुल गांधी से निवेदन करते है कि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व करने हुये हम सब का मार्गदर्शन और नेतृत्व करते रहें।
देश की वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक संस्थाएं और संविधान की रक्षा के साथ-सास सामाजिक सद्भाव और देश के लिए हम कांग्रेस जन राहुल के नेतृत्व में पूरी शक्ति के साथ लडऩे के लिए संकल्पित है।
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मोदी मंत्रिमंडल में राज्यों के बीच बैलेंस बनाने की गई कोशिश
दिल्ली से लौटे रमन
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह दिल्ली से रायपुर पहंचे। एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने मोदी सरकार में प्रदेश को एक ही मंत्री पद मिलने के सवाल पर रमन सिंह ने कहा कि पिछले बार भी एक मंत्री पद मिला था। अलग-अलग 27 राज्य है, 7 केंद्र शासित प्रदेश है, उस आधार पर मंत्रिमंडल में स्थान मिलता है। सभी जगह बैलेंस बनाने की कोशिश की गई है। कहा कि दिल्ली में मोदी के कार्यकाल के दूसरे शपथ ग्रहण में मौजूद रहा। दो महत्वपूर्ण विषय जो शपथग्रहण में हुआ और एक नई युग की शुरुआत हुई है। घोषणापत्र में जो सबसे बड़ी बातें किसानों के लिए उन्होंने कही थी उसकी शुरुआत कैबिनेट के पहले बैठक में ही कर दिया है। आज मैं कह सकता हूं कि जो पहले कैबिनेट की बैठक में पीएम किसान योजना में 58 हजार करोड़ रुपए हिंदुस्तान के 15 करोड़ किसानों को मिलेगा। पहले 12 करोड़ का था उसे बड़ाकर 15 करोड़ कर दिया गया है।
दूसरी महत्वपूर्ण बीमा योजना है, इसमें दो प्रकार की योजना है। एक किसानों की बीमा योजना है और दूसरा गुमठी लगाने वालों का बीमा है। तीसरी बड़ी योजना स्कॉलरशिप योजना को मोडिफाई किया है। सेना और नक्सली क्षेत्र में काम करने वाले जवानों के बच्चों का स्कालरशिप राशि बढ़ाया गया है। तीन महत्वपूर्ण योजना से शुरुआत हुई।
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विधायक दल की बैठक में तीन घंटे हार पर मंथन
आज संगठन में तलाशेंगे वजह
रायपुर। जब भाजपा के दिग्गजों को ही नहीं पता कैसे जीत गए, तो हम भी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर क्या हुआ है। मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक तीन घंटे तक चली। इसमें लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर मंथन किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में बीजेपी के कथित राष्ट्रवाद, आरएसएस और भाजपा के ध्रुवीकरण को हार की वजह माना गया। साथ ही बस्तर में नमक चना न बंटने को भी एक वजह बताई गई। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी संभालते रहे। जो उन्होंने पेशकश की है कि अध्यक्ष पद के जिम्मेदारी को छोडऩे की वे उस पर बने रहे। फिलहाल हार का कारण पता नहीं चल पाया है। सिंहदेव ने कहा कि घर के सामने से बीजेपी की कितनी गाडिय़ां जाती थी। बैंडबाजा बजता लेकिन इस बार कोई माहौल नहीं था। कहीं मिठाईयां नहीं बंट रही, अब की बार 300 पार कहने के बाद कंधों पर दुनिया उठा लेनी चाहिए थी, लेकिन कही कुछ नहीं है।
1952 से नहीं हारे वहां कैसे हार मिली?
काम तो छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत किया था। अन्य जगहों पर भी हम गए, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना में प्रचार में गए, कही ऐसा माहौल महसूस नहीं हो रहा था कि इस प्रकार के परिणाम आएंगे और मंथन करने की आवश्यकता है, लोग कह रहे हैं कि जो पोलिंग 1952 से नहीं हारी, वहां कैसे हार गए, यहां तक विधानसभा में हारे, न लोकसभा में हारे लेकिन इस बार कैसे हार गए। ओवर कॉफिडेंस के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि सभी पूरे मन से काम कर रहे थे, अगर ओवर कॉफिडेंस होता तो लोग घर बैठ जाते कि हम जीत ही जाएंगे, लोग काम हीं नहीं करते।
ईवीएम को निर्माता देशों ने छोड़ दिया : ईवीएम मशीन के निर्माता देशों ने भी इसे छोड़ दिया है, ईवीएम के सवाल पर कहा कि चुनाव के परिणाम के बाद इस पर चर्चा करना व्यर्थ है। ये लगेगा की हार गए तो ऐसा बोल रहे हैं। मेरी राय है कि ईवीएम इतना विवादित हो गया, जापान ने छोड़ दिया, अमेरिका ने छोड़ दिया, जर्मनी ने छोड़ दिया तो हम क्यों नहीं छोड़ते, हम क्यों चिपके हुए है ये मेरी निजी राय है, बहरहाल इस चुनाव के बाद ईवीएम पर चर्चा करना गलत है।
अफवाह का नहीं हुआ असर : चना की बात होती है तो आदिवासी इलाके में चना दिया जाता है। मैदानी इलाके में तो चना नहीं दिया जाता तो इसका पूरे प्रदेश में इसका असर कैसे हो गया? चना तो दुर्ग और रायपुर में भी नहीं दिया जाता, उसका असर यहां नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने (भाजपा) आदिवासी इलाके में इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया था और हम लोगों को जवाब भी देना पड़ा, जहां चना दिया जाता वहां जैसे कांकेर में हम नजदीकी मुकाबले में हार गए। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया बोले कि पूरा देश चिंतन कर रहा है सरकार ने कोई काम नहीं किया फिर भी ऐसे नतीजे कैसे आ गए। इस पर सारा विपक्ष चिंतन कर रहा है।
हार की वजह समझ नहीं आई : दुर्ग संभाग में मिली हार पर कहा कि पुलवामा की बातें नहीं चली, गैस, घर देने, सेना के लोगों के नाम पर प्रयास किया गया। वो भी छूट गया। मेरे 35 साल के राजनीतिक सफर के बाद मुझे पहली बार हार की वजह समझ नहीं आया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया, अरुण उरांव और भूपेश बघेल ने विधायकों की बैठक ली। इसमें सभी मंत्री और कांग्रेस के 68 में से 57 विधायक मौजूद रहे।

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