छत्तीसगढ़

भाजपा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप, मोदी, शाह की प्रशंसा

रायपुर।छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की रविवार को रायपुर में हुई बैठक में पारित किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा गया है। राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ही तय कर रहे है कि जनता को किस आरोप में जेल भेजे जायें और किस मामले में कौन सी धारा लगायी या हटाई जायेगी, यह आदेश भी सीधे सीएम ही देने लगे है।
ये है भाजपा का राजनीतिक प्रस्ताव
भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ की यह कार्यसमिति ऐसे समय में हो रही है, जब भारत एक नए युग में प्रवेश कर चुका है. ऐसे समय में जब भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली है. वास्तव में यह भारत का पुनर्जागरण काल है. इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जैसा अभूतपूर्व जनादेश मिला है, इसके लिए यह कार्यसमिति अपने नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनन्दन करती है, साथ ही अमित शाह के सांगठनिक नेतृत्व में हासिल इस उपलब्धि के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति भी अशेष आभार व्यक्त करती है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी की यह कार्यसमिति देश/प्रदेश की जनता, मतदाता बंधुओं का अशेष आभार व्यक्त करते हुए यह विश्वास दिलाती है कि भाजपा अहर्निश देश सेवा में स्वयं को समर्पित कर भारत को विश्व के सबसे महान देश बनाने के उसके जगह पर पुनर्स्थापित करने सदैव पुरी निष्ठा के साथ तत्पर रहेगी.
भारतीय जनता पार्टी को मिले 303 सीटों में से 220 सीटों पर 50 पचास प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलना यह दिखाता है कि वास्तव में इस बार भारतीय लोकतंत्र ने ‘बहुमत का शासन’ के लिए जनादेश दिया है. जनता ने भाजपा नीत राजग को 353 सीट देकर मजबूत लोकतंत्र एवं सशक्त भारत निर्माण में अपनी महती भूमिका निभायी है. छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नैराश्य से उबरते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव में जैसा प्रदर्शन किया है, यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित होने योग्य है. गत विधानसभा चुनाव में पार्टी को छग में 75 विधानसभा सीटों पर हार का मूंह देखना पड़ा था, इसके उलट मात्र सौ दिन के भीतर भाजपा तब के 15 सीटों के उलट 66 सीटों पर बढ़त बनाने में कामयाब रही, यह राजनीति शास्त्र के अध्येताओं के लिए भी आश्चर्य का विषय होगा. मात्र सौ दिनों के भीतर प्रदेश में भाजपा ने अपने मतों में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हासिल की है, अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान को पूरा करते हुए पहली बार प्रदेश में पार्टी 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल रही, इस उपलब्धि के लिए भाजपा के दैव दुर्लभ कार्यकर्ताओं की जितनी प्रशंसा की जाय, कम है.
जहां भारतीय जनता पार्टी का इतने कम समय में पुनः न केवल अपना जनाधार हासिल करना अद्भुत है बल्कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा इतनी जल्दी, इतना ज्यादा अलोकप्रिय होना भी एक रिकॉर्ड ही है. प्रदेश की जनता ने जिस उम्मीद से कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी, उसके जिस ‘वक्त है बदलाव का’ नारे पर भरोसा कर लिया था, वह जल्द ही समझ गयी कि कांग्रेस के लिए यह जनादेश केवल ‘वक्त है बदला का’ बहाना था. दुर्भाग्यजनक है कि अपना सारा चुनावी वादा भूल कर कांग्रेस सरकार केवल प्रतिशोध की राजनीति में जुट गयी है. उसका दुष्परिणाम सामने है. हर रचनात्मक कार्य करने में विफल भूपेश सरकार अब बौखलाहट में, सोशल मीडिया पर लिखने वालों तक को निशाना बना रही है. प्रदेश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हो गए हैं. इससे पहले कभी भी छत्तीसगढ़ ने अभिव्यक्ति की आज़ादी पर इतना संकट नहीं देखा था. प्रदेश की जनता को शासन का ही भय सताने लगा है. यह प्रदेश के लिए विषम परिस्थिति है. प्रदेश की यह कार्यसमिति कांग्रेस सरकार को चेतावनी देना चाहती है कि वह जिन वादों के साथ सत्ता में आयी है, उसे पूरा करे और अपनी विफलताओं की बौखलाहट में जनता का दमन नहीं करे. छग कांग्रेस को, भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सरकार से सीख लेना चाहिए, जिसने समानता, सदभाव एवं विकासवादी सरकार चलाकर छत्तीसगढ़ को देश के मानचित्र में एक प्रतिष्ठापूर्ण स्थान दिलाया और विकास एवं गरीबों की सेवा के नित नये कीर्तिमान स्थापित किये।

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