छत्तीसगढ़

लिखित आश्वासन के बाद 7वें दिन खत्म हुआ आदिवासियों का आंदोलन

15 दिन के भीतर जांच कराने की मांग

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा के किरंदुल में आदिवासियों ने आंदोलन का सातवें दिन आखिरकार आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। आदिवासियों ने लिखित आश्वासन लिया है कि 15 दिन के भीतर जांच कराई जाए, आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। बता दे कि सरकार ने मंगलवार को हस्तक्षेप करते हुए हड़ताल को खतम कराने के लिए आंदोलनकारियों के पक्ष में कई घोषणाएं की। इनमें एक ग्राम सभा के प्रस्ताव की जांच भी है। बावजूद इसके आंदोलन स्थगित नहीं हो सका था। लेकिन बुधवार को धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों को प्रशासन ने अंतिम नोटिस जारी कर दोपहर 12 बजे तक धरना स्थल खाली करने के आदेश दिए थे।
नंदराज पर्वत को अडानी को दिए जाने के खिलाफ 7 दिनों से चल रहा आदिवासियों का आंदोलन आखिरकार खत्म हो गया है. प्रशासन द्वारा पंचायत संघर्ष समिति को लिखित आश्वासन देने के बाद आदिवासियों ने धरना समाप्त कर दिया है.खत्म हुआ आंदोलनप्रशासन द्वारा ग्राम सभा को लेकर 15 दिनों में जांच करवाने का लिखित में आश्वासन दिए जाने के बाद आदिवासी धरना स्थल से हट गए हैं। गौरतलब है कि आदिवासी बैलाडीला के नंदीराज पहाड़ी पर खनन की अनुमति का विरोध कर रहे हैं। आदिवासियों का मानना है कि नंदग्राम पहाड़ की पूजा वे अपने कुलदेव नंदराज के रूप में करते हैं, इसलिए वे उस पहाड़ की खुदाई होने नहीं दे सकते हैं। इसको लेकर ही बीते 7 जून से आदिवासियों का समूह एनएमडीसी के सामने धरना देकर प्रदर्शन कर रहा है।
प्रशासन ने व्यवस्था कर आदिवासियों को उनके घरों के लिए रवाना कर दिया है। हालांकि आदिवासियों ने चेतावनी दी है कि 15 दिनों में जांच नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रशासनिक जांच कमेटी में 8 सदस्य संघर्ष समिति के भी होंगे. वहीं हिरोली की सरपंच ने कहा कि, ग्राम सभा कब हुई मुझे ये मालूम ही नहीं है। मेरे हस्ताक्षर नहीं है उस दौरान में दस्तखत करना ही नहीं जानती थी। मैं 2014 के बाद साइन करना सीखी हूं।.बीते 6 दिनों से 13 नंबर खदान अडानी को दिए जाने के विरोध आदिवासी धरना प्रदर्शन कर रहे थे, आदिवासियों के इस आंदोलन से किरंदुल और बचेली में हृरूष्ठष्ट का उत्पादन ठप पड़ा था।

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