छत्तीसगढ़

जांच लंबित फिर भी दे दी पदोन्नति , PMO पहुंची शिकायत

रायपुर। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग में जिस अफसर के खिलाफ लोक शिक्षण संचालनालय के अफसर ने कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी, उन्हें पदोन्नति दे दी गई। जांच लंबित थी, उसे पिछली सरकार के आखिरी पड़ाव में पदोन्नति देकर विभाग विवादों में फंस गया है। उप संचालक से संयुक्त संचालक बने अधिकारी के मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची तो अफसरों ने एक मामले में जांच बिठा दी।
शिकायत है कि उप संचालक केसी काबरा को सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों एवं पदोन्नति नियमों के विरुद्ध जाकर पूर्व सरकार में संयुक्त संचालक के पद पर पदोन्नति दे दी गई। इतना ही नहीं, पदोन्नति के बाद रायपुर शिक्षा संभाग का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया गया।
पदों को बढ़ाने के लिए छोटे राज्य में संभाग कार्यालय की जरूरत नहीं होने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग ने पांच कार्यालय खोलकर स्थापना व्यय भी बढ़ा दिया। 9 संयुक्त संचालक के पदों को बढ़ाकर 12 कर दिया गया। इसका लाभ अन्य अफसरों को भी दिया गया। बताया जाता है कि उप संचालक से संयुक्त संचालक बने अन्य अफसरों के खिलाफ भी शिकायते हैं।
लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष ने ही की थी अनुशंसा
यहां बताना दिलचस्प होगा कि संयुक्त संचालक शिक्षा के पद पर पदोन्नति के बहुत पहले ही तत्कालीन आयुक्त व छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष केआर पिस्दा ने बेमेतरा के जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्घ गंभीर शिकायत एवं भ्रष्टाचार के विरूद्घ विभागीय जांच करवाई थी ।
19 जुलाई 2012 को राज्य शासन को भेजे गये अपने पत्र क्रमांक- अ/84/1/2010-12/565 में उक्त अफसर के विरुद्घ शासन की छवि धूमिल करने के कारण कठोर से कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की गई थी ।
अब केएस पिस्दा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और उनके ही कार्यकाल में स्कूल शिक्षा विभाग की पदोन्नति समिति ने विधानसभा चुनाव से पहले आदर्श आचरण संहिता लागू होने के एक दिन पहले ही पदोन्नति दे दी थी।

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