छत्तीसगढ़

परिणाम के लिए 1 माह इंतजार , ईवीएम स्ट्रांग रूम में सील

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा के, चुनाव का कार्यक्रम हमेशा ऐसा बनता है कि लोगों को परिणाम के लिए एक महीना इंतजार करना ही पड़ता है। मंगलवार को लोकसभा 2019 के तीसरे चरण का मतदान संपन्न् हो गया और ईवीएम स्ट्रांग रूम में सील कर दी गई। अब नतीजों के लिए एक महीने का इंतजार करना है।
तीसरे और अंतिम चरण की चुनाव प्रक्रिया संपन्न होते ही मतदान दलों की वापसी का सिलसिला भी कल रात से ही शुरू हो गया था। सात संसदीय क्षेत्रों में जिला मुख्यालय के करीब स्थित मतदान केन्द्रों से मतदानकर्मी रात तक ही लौट आए थे। रायपुर स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सहित अन्य छह संसदीय क्षेत्रों के जिला मुख्यालयों में बनाए गए स्ट्रांग रूमों में देर रात तक ईव्हीएम जमा करने के लिए मतदानकर्मियों की भीड़ लगी रही। देर रात तक ईव्हीएम का मिलान करने के बाद इन्हें जमा करने का सिलसिला चलता रहा। इस मौके पर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी भी उपस्थित थे। स्ट्रांग रूमों में ईव्हीएम मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है। प्रत्येक सुरक्षा घेरे में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान तैनात हैं। साथ ही ईव्हीएम कक्ष से लेकर मुख्य दरवाजे और परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ईव्हीएम जमा करने से पहले सुरक्षा बलों ने स्ट्रांग रूमों का जायजा लिया। वहीं, ईव्हीएम जमा होते ही इन कक्षों को सील कर दिया गया।
अब इन स्ट्रांग रूमों में जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के बिना किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अब तेईस मई को होने वाली मतगणना के दिन प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूमों को खोला जाएगा।
23 मई को मतगणना होगी और परिणाम आएंगे। छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों की सांस एक महीने तक अटकी रहेगी। यह इंतजार यहां के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हमेशा भारी पड़ता है लेकिन हर बार यही होता आया है। अब मतदान खत्म होने बाद यहां नेता और कार्यकर्ता राहत महसूस कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर यह सोचकर भी परेशान हैं कि अब एक महीने तक वक्त कैसे काटा जाए। छत्तीसगढ़ में पहले तीन चरणों में मतदान हुआ है। पहले चरण में 11 अप्रैल को नक्सल प्रभावित बस्तर में वोट डाले गए। इसके बाद राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर की नक्सल प्रभावित सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान हुआ। मंगलवार यानी 23 अप्रैल को बची हुई सात सीटों पर मतदान हुआ। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, जांजगीर चांपा, सरगुजा और कोरबा सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद हो गए। ईवीएम सील कर स्ट्रांग रूम में भारी सुरक्षा में रखवा दी गई है। 23 मई को स्ट्रांग रूम का ताला खुलेगा और तब पता चलेगा कि वोटरों ने किसपर भरोसा जताया है। इस बीच प्रत्याशी और समर्थक रोज वोटों का गुणा भाग लगाते रहेंगे।
किस बूथ पर कितने वोट पड़े, किसे कितना मिला होगा, कहां से लीड मिलेगी, कहां किसने काम किया और किसने भितरघात किया, कितने वोटों से हार या जीत होगी आदि पर चर्चा होगी।
देर रात तक मतदान दलों का लौटना जारी
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण की वोटिंग के बाद मतदान दलों का लौटना देर रात तक जारी रहा। रायपुर के सेजबहार स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाये गए स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम और वीवीपेट देर रात तक जमा होती रहीं। के मुताबिक रायपुर जिले में 1 हजार 8 सौ पैसठ मतदान दल वोटिंग संपन्न कराने के लिए लगाए गए थे जो कि ईवीएम और वीवीपेट के साथ मतदान से जुड़ी सामग्री जमा कराने के लिए पहुंचते रहे। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गये स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा में पैरामिलिट्री फोर्स समेत जिला बल और सीएएफ के करीब 4 सौ जवान तैनात किये गये हैं जो 23 मई को होने वाली मतगणना तक यहां तैनात रहेंगे।

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