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समर्थन पर बंटी नजर आ रही जकां व बसपा

अनिरुद्ध दुबे
रायपुर। भाजपा या कांग्रेस में से किसे समर्थन देना है किसे नहीं की संभावनाओं पर जनता कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी के विचार बंटे नजर आ रहे। पूर्व में जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी जहां कह चुके हैं कि हमारा समर्थन उस पार्टी को होगा जो अजीत जोगी को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करे, वहीं बसपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बाचपेई का का यह कथन सामने आया है- भाजपा से बसपा के विचार मेल नहीं खाते, इसलिए जरूरत पड़ी तो कांग्रेस से गठबंधन हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि ज्यादातर एजेंसियों के एक्जिट पोल ने बताया है कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बना लेगी। उधर भाजपा ने खुद को सरकार बनाने के खेल से बाहर नहीं माना है। भाजपा का कोई बड़ा नेता भले ही खुलकर कुछ ना कह रहा हो लेकिन वहां भरपूर गूणा भाग चल रहा है कि यदि 40 से 45 के बीच सीटों का आंकड़ा उनके पक्ष में आता है तो किधर से संतुलन बनाकर सरकार बनाया जाए। कांग्रेस के बड़े नेता लगातार कहते आ रहे हैं कि उनकी 50 या उससे ऊपर सीटें आ रहीं, पर बेहद सतर्कता वहां भी बरती जा रही है। कांग्रेस में बड़े नेताओं व्दारा सभी प्रत्याशियों से कह दिया गया है यदि जीत मिले तो जश्न-वश्न के चक्कर में नहीं पड़ना। सीधे राजीव भवन रायपुर आना है। जिस तरह दोनों बड़ी पार्टियों के भीतर सीटों के आंकड़ों को लेकर विचार मंथन चल रहा उससे तोड़फोड़ की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। इधर, जनता कांग्रेस, बसपा एवं भाकपा गठबंधन इस बात को लेकर आश्वस्त नजर आ रहा है कि गठबंधन की दस से ऊपर सीटें आ रही हैं और बिना उनके सहयोग के कोई भी सरकार नहीं बना पाएगा। जैसा कि मतगणना को मात्र एक दिन का ही फासला रह गया है, आज मीडिया में आए बसपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बाचपेई के बयान से एक नई हवा बन गई है। बाचपेई ने कहा है- बसपा की 5 से 8 सीटें आ सकती हैं। जिसकी भी सरकार बने बसपा की भागीदारी सुनिश्चित है। चूंकि भाजपा से बसपा के विचार मेल नहीं खाते अतः कांग्रेस से गठबंधन संभव है। सूत्रों के मुताबिक जोगी खेमे को बाचपेई का यह बयान रास नहीं आया है। जोगी खेमा बसपा सूप्रीमो मायावती से चर्चा कर उनकी जानकारी में यह बात ला सकता है कि समर्थन भाजपा को देना है या कांग्रेस को इसके लिए कुछ बोलने का यह उपयुक्त समय नहीं। निश्चित रूप से इसके पीछे कारण ओमप्रकाश बाचपेई एवं अमित जोगी के कथन में विरोधाभास का होना है। चर्चा ये भी है कि भाजपा की महासमुन्द, बसना एवं रायगढ़ के उन तीन निर्दलीय प्रत्याशियों पर बराबर नजर है जो भाजपा व कांग्रेस दोनों को मजबूती से टक्कर देते नजर आए हैं।   

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