छत्तीसगढ़

तेंदुए के शावकों को हुआ डायरिया, पिलाया जा रहा बकरी का दूध

रायपुर । गरियाबंद से रायपुर लाए जा रहे तेंदुए के शावक मानव के संपर्क में आने से बीमार पड़ गए हैं। दोनों को जंगल सफारी के डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है। दोनों को बकरी का दूध पिलाया जा रहा है। शावकों की हालत सामान्य बताई जा रही है, लेकिन जंगल सफारी प्रबंधन द्वारा पूरी एहतियात बरती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ घटना के बाद फरार मुख्य आरोपित का सुराग वन विभाग के हाथ लगा है। वन विभाग आरोपित के गिरफ्तार होने के बाद बड़े खुलासे का दावा कर रहा है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गरियाबंद से दो युवक तेंदुए के बच्चे को एक्टिवा से रायपुर ला रहे थे। पुलिस और वन विभाग की टीम ने चारों तरफ जाल बिछा दिया था। आरोपित को अभनपुर के गांव में पकड़कर दोनों तेंदुए के शावक को बरामद किया था। उसके बाद वन विभाग की टीम दोनों आरोपितों के बताए अनुसार मुख्य आरोपित के घर जाकर दबिश दी थी, लेकिन सूचना मिलने के बाद आरोपित फरार हो गया था। उसके घर से विभाग को 20 पिंजरे बरामद हुए हैं। इतनी भारी संख्या में पिंजरे मिलने से वन विभाग भी सकते में आ गया है।
दी जा रही दवाई
वन्यजीव काफी संवेदनशील होते हैं। मानव संपर्क में रहने से उनकी तबीयत खराब हो जाती है। पुलिस ने जिस दिन से शावकों को आरोपितों के पास से बरामद किया, उसके बाद से दोनों को लूज मोशन शुरू हो गया था। मोशन रोकने के लिए उन्हें दवा दी जा रही है। शावकों को देखरेख के लिए जंगल सफारी में बने अस्पताल के केज में रखा गया है। शावकों की स्थिति अब पहले से बेहतर है। दोनों को गांव से लाकर दूध गर्म करके पिलाया जा रहा है। वन्य विभाग के डॉ. जयकुमार जड़िया की देखरेख में उनका उपचार चल रहा है।
जिंदा वन्यजीव पकड़ने की प्रदेश में दूसरी घटना
प्रदेश में तस्कर से जिंदा वन्यजीव को पकड़ने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले करीब पांच साल पहले गरियाबंद के ही पांडुका के पास तस्कर के पास से शेड्यूव वन की प्रजाति के जंगली बिल्ली का शावक बरामद किया गया था। उसके बाद नवापारा के पास दो तेंदुए को पकड़ा है।
शावकों की तस्करी की घटना के बाद पूरे प्रदेश के संरक्षित वन क्षेत्र में गस्त बढ़ा दी गई है। दोनों शावकों को बकरी का दूध पिलाया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्य आरोपी का सुराग मिला है। आरोपी के गिरफ्त में आने के बाद बड़े मामले का खुलासा हो सकता है। – अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ

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