छत्तीसगढ़राजनीती

बृजमोहन के खिलाफ कन्हैया

दुर्ग ग्रामीण में प्रत्याशी चेंज प्रतिमा की जगह ताम्रध्वज

रायपुर। कांग्रेस ने बचे हुए 18 प्रत्याशियों की घोषणा आज शाम कर दी। साथ ही दुर्ग ग्रामीण सीट पर उम्मीदवार बदला गया। रायपुर दक्षिण से चुनाव लड़ रहे भाजपा के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ कांग्रेस के व्यापार प्रकोष्ठ के नेता कन्हैया अग्रवाल को मैदान में उतारा गया है। कोटा सीट से शैलेष पांडे का नाम चल रहा था लेकिन उन्हें बिलासपुर से मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ चुनावी दंगल में लाया गया है। दुर्ग ग्रामीण से पूर्व में प्रतिमा चंद्राकर प्रत्याशी घोषित हुई थीं, उन्हें हटाकर अब सांसद ताम्रध्वज साहू को टिकट दी गई है।
सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम रायपुर दक्षिण सीट से कन्हैया अग्रवाल का माना जा रहा है। ये सही है रायपुर दक्षिण का जो पैनल बना था उसमें कन्हैया अग्रवाल का नाम था, लेकिन टिकट की दौड़ में वे सबसे पीछे माने जा रहे थे। महीनों तक यह चर्चा रही थी कि पार्षद एजाज ढेबर को रायपुर दक्षिण से टिकट मिलेगी। लेकिन पिछले महीने जब पत्रकार रुचिर गर्ग का कांग्रेस प्रवेश हुआ दक्षिण का समीकरण तेजी से बदल गया। लगातार यह खबर सुर्खियों में बनी रही थी कि दक्षिण से टिकट रुचिर को मिलने जा रही है, लेकिन कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जो यह कहते रहे कि पैराशूट से उतरने वालों को तूरंत में टिकट नहीं दी जाएगी उससे अन्य लोगों को छिपे तौर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का मौका मिल गया। बीच में एक वीडियो भी वॉयरल हुआ जिसमें पार्षद एजाज ढेबर कांग्रेस राष्ट्रीय महाचिव एवं प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया से कहते नजर आ रहे हैं कि उसे टिकट दी गई तो परेशान करके रख देंगे। एजाज ने उसे शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया, इसके अलग-अलग अर्थ निकाले जाते रहे लेकिन ये भी सच है कि दिल्ली में बैठे नेताओं ने इस वीडियो को संज्ञान में लिया। सूत्रों के मुताबिक जहां तक रुचिर की बात है पूर्व में चुनाव लड़ने का वे जरूर मन बना रहे थे, लेकिन तैयारियों के लिए वक्त नहीं बचे रहने वाली स्थिति ने उनकी मनोस्थिति बदल दी और हफ्ते भर से रायपुर महापौर प्रमोद दुबे के नाम की जोरों से चर्चा रही। प्रमोद को दो बार दिल्ली बुलाया ही इसीलिए गया। दिल्ली पहुंचकर दोनों बार प्रमोद ने यही दोहराया कि बृजमोहन अग्रवाल लगातार छह चुनाव जीते हैं। चुनावी मैनेजमेंट में उनकी मिसाल पूरे प्रदेश में दी जाती है। ऐसी शख्सियत के खिलाफ लड़ने के लिए कम से कम छह महीने की तैयारी चाहिए। प्रमोद दिल्ली के नेताओं को अपनी बात समझाने में कामयाब भी रहे। यही कारण है कि पार्टी को कन्हैया अग्रवाल के नाम पर फैसला लेना पड़ा। दुर्ग ग्रामीण से प्रतिमा चंद्राकर के नाम की घोषणा होने के बाद भी कड़ा फैसला लेते हुए उन्हें चुनावी मैदान से हटा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली तक यह रिपोर्ट गई कि प्रतिमा के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा। आनन-फानन में प्रत्याशी बदलते हुए पार्टी ने सांसद ताम्रध्वज साहू को दुर्ग ग्रामीण से उतारने का निर्णय लिया गया। पूर्व में चुनाव हार चुके देवेंद्र बहादुर सिंह, श्रीमती अनिता शर्मा, कुलदीप जुनेजा एवं बदरुद्दीन कुरैशी को पार्टी ने एक बार फिर लड़ने का मौका दिया है।

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