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SHIVRAJ PATIL DEATH | पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल नहीं रहे!

 

मुंबई। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह महाराष्ट्र के लातूर स्थित उनके घर पर निधन हो गया। 90 वर्षीय पाटिल लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। परिवार ने बताया कि उनका निधन पूरी तरह शांतिपूर्वक हुआ।

कांग्रेस ने पाटिल के जाने को “पार्टी के लिए बड़ी क्षति” बताया है। वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। उनका अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में किया जाएगा, जहां कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे।

राजनीतिक सफर और उपलब्धियां –

12 अक्टूबर 1935 को लातूर के चाकूर में जन्मे शिवराज पाटिल किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और लॉ की पढ़ाई की।

1972 से 1980 तक महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य

1980 में पहली बार लोकसभा पहुंचे

1991-1996 तक लोकसभा स्पीकर

इंदिरा सरकार में रक्षा व कर्मचारी राज्य मंत्री

राजीव गांधी सरकार में वित्त, रक्षा व गृह राज्य मंत्री

2004 में मनमोहन सिंह सरकार में गृह मंत्री

26/11 मुंबई हमलों के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर 2008 को इस्तीफा

2010-2015 तक पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक

26/11 के दौरान उनकी भूमिका पर खूब बहस हुई थी और उन्हें “नीरो ऑफ इंडिया” कहा गया, क्योंकि उस समय उनके कपड़े बदलने को लेकर विरोध हुआ था।

आत्मकथा में स्वीकार की गलतियाँ –

अपनी आत्मकथा ‘Odyssey of My Life’ में पाटिल ने शिक्षा, टेक्नोलॉजी, कंधार अपहरण और 26/11 जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों पर विस्तृत चर्चा की है। इस किताब में उन्होंने गृह मंत्री रहते हुए अपनी गलतियों को स्वीकार किया है।

सियासी हलकों में शोक –

सोनिया गांधी ने कहा कि पाटिल जी कांग्रेस के स्तंभ थे और उनका जाना पार्टी के लिए बड़ी क्षति है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी श्रद्धांजलि दी। राजनीति में उनका योगदान इतना बड़ा था कि उनके निधन से महाराष्ट्र के साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी एक खालीपन महसूस किया जा रहा है।

 

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