पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्कूली एवं उच्च शिक्षा दोनों का बुरा हाल है। स्कूल-कॉलेजों में हजारों की संख्या में पढ़ाने वालों के पद रिक्त हैं। इसके लिए छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों से राज कर रही भाजपा सरकार जिम्मेदार है।
आज राजीव भवन में माकन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा कर्मियों के 54 हजार एवं पंचायत संवर्ग शिक्षकों के 22 हजार 644 पद रिक्त हैं। प्राथमिक शालाओं में दर्ज संख्या में लगातार कमी होती जा रही है। यही नहीं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृह जिले में 11 हजार बच्चियों ने स्कूल छोड़ दिया। मार्च 2017 में खुद छ्त्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि प्रदेश में 2300 प्रधानाचार्य, 22 हजार हेड मास्टर एवं 11 हजार अध्यापकों के पद रिक्त हैं। माकन ने कहा कि 2014 से 2016 के बीच भाजपा सरकार ने 2877 सरकारी स्कूलें बंद कर दी। 2007-2008 में 45 हजार 578 सरकारी स्कूलें थीं, जो कि 2015-16 में घटकर 44 हजार 387 हो गईं। सरकारी स्कूलों की संख्या कम होने का फायदा सीधे-सीधे प्राइवेट स्कूल उठा रहे हैं। 2007 में छत्तीसगढ़ में प्राइवेट शिक्षण संस्थान 3 हजार 954 थे, जो कि 2015-16 में बढ़कर 6 हजार 100 हो गए। 2014-15 में सरकारी स्कूल में पढ़ने वालों का आंकड़ा 21 लाख 5 हजार था, जो कि घटकर 2017-18 में 18 लाख 10 हजार हो गया। छत्तीसगढ़ में 3 हजार स्कूलें ऐसी हैं जहां सिर्फ 1 शिक्षक है। केन्द्र सरकार व्दारा सर्व शिक्षा अभियान के लिए जो राशि दी जाती थी उसमें लगातार कटौती होती चली गई। छत्तीसगढ़ में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा का भी बूरा हाल है। शासकीय कॉलेजों में प्राध्यापकों के अधिकांश पद खाली पड़े हैं। इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्राध्यापकों के 741 पद रिक्त हैं। आईटीआई में 2244 पदों के विरुद्ध 1582 पद रिक्त हैं। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई में कुल 140 स्वीकृत पदों में 5 ही नियुक्तियां हुई हैं। माकन ने कहा कि 2018-19 राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण बजट के अनुपात में सबसे कम शिक्षा पर खर्च हुआ। 2014 से 2018 के बीच उच्च शिक्षा संस्थानों में फीस में 45 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई। माकन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार लाइवलीहुड कॉलेज का बार-बार जिक्र कर वाहवाही लूटने में लगी है, वहीं यहां के डेंटल कॉलेज में पद रिक्त पड़े हुए हैं।
अजय माकन ने कहा कि चुनाव के दौरान दिल्ली के आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया एवं गोपाल राय का छत्तीसगढ़ में जमे रहने के पीछे मकसद है कांग्रेस का वोट काटना। अन्ना ग्रुप से निकले ये लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आरएसएस को मदद करते हैं।