रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर बनी फिल्म ‘दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर‘ को लेकर कांग्रेस नेताओं के प्रलाप को हास्यास्पद बताया है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद कांग्रेस के कतिपय युवा नेता रिलीज से पहले उन्हें फिल्म नहीं दिखाने पर देश में कहीं भी फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देने की खुलेआम धमकी दे रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने इस बात पर हैरत जताई कि जब 2014 में यह किताब छपी तब कांग्रेस के लोगों ने मुंह पर ताला लगा रखा था और अब फिल्म के आने पर प्रलाप कर रहे हैं। अब कांग्रेस के लोगों को ‘अभिव्यक्ति की आजादी‘ का मतलब समझ नहीं आना आश्यर्चजनक है। अभिव्यक्ति की आजादी के पैरोकार कांग्रेसी सूरमा अपने नेताओं पर अंकुश लगाने की पहल कब करेंगे? क्या अवार्ड वापसी गैंग के चेहरों को इसमें असहिष्णुता नजर नहीं आ रही है?
शर्मा ने कहा कि हैरानी तो इस बात की है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, जिन पर यह फिल्म केंद्रित है, वे मौन हैं और कांग्रेस के दीगर नेता बेवजह शोर मचा रहे हैं। इस फिल्म को भाजपा के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करने पर कांग्रेस के लोगों की आपत्ति भी समझ से परे है।
इसे भाजपा का प्रोपेगेंडा बताने के कांग्रेस के आरोपों को भाजपा प्रवक्ता शर्मा ने सिरे से खारिज किया और पूछा कि क्या भाजपा के लोग किसी फिल्म की सफलता के लिए शुभकामना भी नहीं दे सकते? दरअसल डॉ. सिंह का दस साल का कार्यकाल वह कड़वा सच है, जिसमें एक परिवार ने पूरे देश को बंधक-सा बनाए रखने का शर्मनाक राजनीतिक आचरण प्रस्तुत किया था, और अब वे इस सच का सामना करने का साहस नहीं रखते।
डॉ. सिंह किस हद तक एक परिवार के दबाव में थे, इसका संकेत अगस्ता वेस्ट लैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के उस पत्र से मिलता है, जिसमें मिशेल ने फिनमैकेनिका कंपनी के सीईओ जुगेपी ओरसी को संबोधित करते हुए लिखा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर दबाव बनाया था।