CAG रिपोर्ट के अनुसार भाजपा शासनकाल में बड़े घोटाले , 4500 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी
कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेंडर से पहले टेंडर डालने वाले और टेंडर की प्रक्रिया में शामिल अधिकारी के संपर्क में होने के संकेत मिले हैं
छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल के दौरान का एक बड़ा घोटाला सामने आया है. कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. कैग की रिपोर्ट के अनुसार 4601 करोड़ के टेंडर में गड़बड़ी की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक 17 विभागों के अधिकारियों द्वारा 4601 करोड़ के टेंडर में 74 ऐसे कंप्यूटर का इस्तेमाल निविदा अपलोड करने के लिए किया गया था जिनका इस्तेमाल वापस उन्हीं टेंडरों को भरने के लिए किया गया.
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 लाख से 20 लाख के 108 करोड़ के टेंडर PWD और WRD प्रणाली द्वारा जारी न कर मैन्युअल जारी किये गए. रिपोर्ट के मुताबिक जिन 74 कंप्यूटरों से टेंडर निकाले गए उसी कंप्यूटरों से टेंडर वापस भरे भी गए. ऐसा 1921 टेंडर में हुआ. यानी कि 4601 करोड़ के टेंडर अधिकारियों के कंप्यूटर से ही भरे गए।
कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेंडर से पहले टेंडर डालने वाले और टेंडर की प्रक्रिया में शामिल अधिकारी, एक दूसरे के संपर्क में थे जिसके संकेत मिलते हैं. कैग ने मामले में जांच की सिफारिश की है. रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि 5 अयोग्य ठेकेदारों को 5 टेंडर जमा करने दिया गया. इसके साथ चिप्स की कार्यप्रणाली पर भी CAG ने गंभीर सवाल उठाए हैं. चिप्स ने E tender को सुरक्षित बनाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किये।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 79 ठेकेदारों ने दो पैन नंबर का टेंडर प्रक्रिया में इस्तेमाल किया. एक पैन का इस्तेमाल PWD में रजिस्ट्रेशन के लिए और दूसरा ई प्रोक्योरमेंट में किया गया। ठेकेदारों ने आयकर अधिनियम की धारा 1961 का उल्लंघन किया है. इन 79 ठेकेदारों को 209 करोड़ का काम दिया गया।
नवंबर 2015 से मार्च 2017 के बीच 235 ईमेल id का इस्तेमाल कर 1459 विक्रेताओं ने किया. जबकि सभी विक्रेताओं को यूनिक id देने का प्रावधान किया गया था. एक ईमेल आईडी का इस्तेमाल 309 निवेदाकारों ने किया।