छत्तीसगढ़

हाइवे के समीप मिले नवजात ने तोड़ा दम, इस कारण थम गई सांसें

मां मैं जा रहा हूं, तू ने तो मेरा साथ नहीं दिया तो अब जीने का क्या फायदा? ऐसे ही कुछ अलफाज होंगे नंदनवन मार्ग पर सात अगस्त को मिले नवजात के, उस नवजात ने 15 अगस्त को एम्स में आखिरी सांस ली। एम्स के डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चे को हर संभव बचाने की कोशिश की गई, लेकिन इंफेक्शन ज्यादा होने के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही उसका वजन भी नहीं बढ़ रहा था। इन्हीं कारणों से उसकी मृत्यु हो गई।
गौरतलब बात है कि रायपुर-भिलाई हाइवे से नंदनवन जाने वाले मार्ग पर सात अगस्त को चावड़ा बाड़ी के आगे सड़क किनारे नवजात के रोने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रहा एक राहगीर रुका। उसने कपड़े में लिपटे एक बच्चे को पड़ा हुआ देखा। उसने आमानाका पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बच्चे को उठाकर एम्स में भर्ती कराया। नवजात का एम्स में नौ दिन इलाज कराया गया।
आमानाका थाना प्रभारी रामाकांत साहू ने बताया कि नवजात बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में बच्चे को इंफेक्शन की बात कही गई है। बच्चे को गोद लेने के लिए कई परिवारों ने थाने में संपर्क किया था।
बच्चा सात माह से भी कम का था। साथ ही उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। उसे एनआइसीयू में रखा गया। हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन बच्चे का वजन बढ़ ही नहीं रहा था। गुरुवार को बच्चे की मृत्यु हो गई।डॉ. फाल्गुनी पाणि, नियो नेटोलॉजी विशेषज्ञ, एम्स

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