नेशनल

पठानकोट में तैनात हुआ अपाचे हेलीकॉप्टर, जाने खासियत

भारतीय वायुसेना और भी ताकतवर होगी क्योंकि वायुसेना के बेड़े में आठ अपाचे के शामिल हो गए। अपाचे के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत न सिर्फ बढ़ेगी बल्कि यह और भी घातक हो जाएगी। अपाचे हेलीकॉप्टर को पठानकोट एयरबेस पर भारतीय वायुसेना में शामिल कराया गया। अमेरिका से भारतीय वायसेना से कुल 22 अपाचे हेलीकॉप्टर मिलेंगे। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित ‘अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर को जब वायुसेना में आज शामिल कराया गया, तब एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ पठानकोट में मौजूद थे।
बता दें कि अपाचे एएच-64ई दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है। आईएएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे।’
जानें अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खासियतें:
अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलटों का होना जरूरी है।
अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर करीब 16 फुट ऊंचा और 18 फुट चौड़ा है।
भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्‍टर है जो मुख्य रूप से हमला करने का काम करेगा।
अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर दुश्‍मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
यह हेलिकॉप्टर 300 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है और एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस है।
ये अपाचे हेलीकॉप्टर्स दिन रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं।
ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं।
अपाचे एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
अपाचे हेलीकॉप्टर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल हो सकता है।
हेलीकॉप्टर में लगे रायफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
अपाचे में 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है।
अपाचे हेलीकॉप्टर करीब 300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है और दुश्मन के इलाके में जाकर ये अपने टार्गेट को आसानी से खत्म कर सकता है.

Related Articles

Back to top button