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पंजाब के ‘अनमोल रतन’: नए एडवोकेट जनरल सिर्फ 1 रुपए लेकर करेंगे काम, जानें क्यों

चंडीगढ़ः पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद बदलावों का एक नया सिलसिला शुरू हुआ है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से हरी झंडी के बाद राज्यपाल ने अनमोल रतन सिद्धू की महाधिवक्ता पद पर नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके बाद शनिवार को उन्होंने पदभार संभाल लिया. इस दौरान सिद्धू ने अपनी सैलरी नशे के शिकार लोगों के इलाज और पुनर्वास पर खर्च करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वह कानूनी शुल्क के तौर पर सिर्फ एक रुपया लेंगे.

अनमोल रतन सिद्धू से पहले दीपेंदर सिंह पटवालिया महाधिवक्ता पद पर थे. लेकिन राज्य में सरकार बदलने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. तब से ये पद खाली था. अब इस पद पर आए अनमोल रतन सिद्धू का एक वकील के तौर पर लंबा और शानदार करियर रहा है. उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में संवैधानिक, आपराधिक, सिविल, सेवा और भूमि से जुड़े संवेदनशील, सरकारी और निजी मामले देखे हैं. वह लंबे समय तक पंजाब व हरियाणा बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा भारत के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल और पंजाब व हरियाणा के अडिशनल एडवोकेट जनरल भी रह चुके हैं. उन्हें असाधारण सामाजिक सेवा के लिए पंजाब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रमाण पत्र से भी नवाजा जा चुका है.

अनमोल रतन सिद्धू का जन्म 1 मई 1958 को एक किसान परिवार में हुआ. 1975 में चंडीगढ़ शिफ्ट होने से पहले गांव के स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की. पंजाब विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई के दौरान वह सामाजिक कार्यों के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रहे. वह 1981 से 1982 तक पंजाब यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट काउंसिल के अध्यक्ष रहे. 1985 में उन्होंने वकालत शुरू की. 1993 में वह पंजाब के डिप्टी एडवोकेट जनरल बने और 2005 तक इस पद पर रहे. उसके बाद उन्हें पंजाब और हरियाणा के अडिशनल एडवोकेट जनरल की जिम्मेदारी सौंपी गई. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में सरकार की पैरवी की.

अनमोल रतन सिद्धू 2008 से 2014 तक भारत के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल रहे. इस दौरान उन्होंने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में सीबीआई के स्पेशल सरकारी वकील के तौर पर भी सेवाएं दीं. 1997 में वह पंजाब व हरियाणा बार काउंसिल के मेंबर बने और लगातार पांच कार्यकाल तक इस पद को संभाला. 2001-02 में वह इसके चेयरमैन बने और लगातार 8 बार चुने गए. वह देश के किसी हाईकोर्ट में ये पद इतने लंबे समय तक संभालने वाले पहले शख्स हैं. पंजाब के एडवोकेट जनरल का पद संभालने के बाद अनमोल रतन सिद्धू ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि वह कानूनी शुल्क के तौर पर सिर्फ एक रुपया लेंगे और सरकार के खर्चों का बोझ कम करेंगे. वह सरकार के साथ मिलकर पूरी पारदर्शिता के साथ काम करेंगे. (news18.com)

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