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श्रीनगर में नजरबंद माकपा नेता तारिगामी को तुरंत एम्स भेजा जाए: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को बीमार माकपा नेता मोहम्म्द यूसुफ तारिगामी को श्रीनगर से अविलंब दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। तारिगामी इस समय श्रीनगर में अपने घर में नजरबंद हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों के बीच परामर्श के बाद ही तारिगामी को स्थानांतरित किया जायेगा।
पीठ ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर केन्द्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किये। येचुरी ने याचिका में कहा है कि तारिगामी को नजरबंद करने का कोई एक जैसा आदेश नहीं था।
साथ ही पीठ ने इस याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इस मामले में अब 16 सितंबर को आगे सुनवाई होगी। येचुरी ने पीठ से कहा कि माकपा के पूर्व विधायक को बेहतर इलाज के लिए एम्स में स्थानांतरित किये जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, ”हम बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पूर्व विधायक की नजरबंदी को चुनौती देने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखते हैं।”
शीर्ष अदालत ने इससे पहले येचुरी को अपने अस्वस्थ सहयोगी तारिगामी से मिलने के लिये जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति देते हुये उन्हें पूर्व विधायक के स्वास्थ के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। येचुरी ने हलफनामे में तारिगामी की सेहत का जिक्र करने के साथ ही अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म करने के बाद जम्मू कश्मीर में उठ रहे कई दूसरे मुद्दों का भी जिक्र किया है।
न्यायालय ने कहा कि केन्द्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन का जवाब मिलने के बाद इन सभी मुद्दों पर 16 सितंबर को विचार किया जायेगा। इससे पहले न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि येचुरी को सिर्फ अपने बीमार पार्टी सहयोगी से मुलाकात के लिये जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी जा रही है। इस बीच, तारिगामी को बेहतर इलाज के लिये एम्स में स्थानांतरित करने के लिये दायर अर्जी की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया था।

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