छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने कहा हर साल कर्जमाफी होगी, ऐसा कोई वादा नहीं था

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को यहां कहा कि कर्जमाफी सिर्फ एक बार के लिए ही थी। और वह हो चुकी है। मगर घोषणा पत्र में वादे के अनुरूप धान खरीदी हर साल करेंगे। राज्योत्सव पर उन्होंने कहा कि वे पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और राज्य स्थापना दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनने का आग्रह करेंगे।
उत्तरप्रदेश रवाना होने से पहले श्री बघेल ने पत्रकारों से कर्जमाफी पर साफ किया कि कर्जमाफी एक बार के लिए ही थी। हर साल कर्जमाफी होगी, ऐसा कोई वादा नहीं था। चित्रकोट उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि हम अच्छे वोटों से जीतेंगे।
बस्तर में ऑनलाइन टेंडर की जगह मैनुअल टेंडर के निर्णय पर कहा बघेल ने कहा कि यह बस्तर क्षेत्र के लिए है। जहां मैनुअल टेंडर किया जाएगा। छोटे टुकड़ों में टेंडर कर 50 लाख तक वर्क आर्डर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि लोग ऑनलाइन टेंडर ले लेते हैं लेकिन काम नहीं करते है। दूसरी बात वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। बस्तर के युवाओं को रोजगार नहीं देंगे तो समस्या बढ़ेगी। छोटे ठेके के माध्यम से उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। वहां के लोगों को काम मिल सके इसलिए यह निर्णय लिया गया है। जहां तक बात भ्रष्टाचार की है, भ्रष्टाचार तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार भी किया था।
भाजपा के गांधी पदयात्रा पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि भाजपा एक तरफ गांधी को अपनाने की कोशिश करती है, लेकिन गोडसे मुर्दाबाद नहीं बोलती। गांधी और गोडसे की विचारधारा एक साथ नहीं चल सकती है। पदयात्रा में भाजपाई गोडसे मुर्दाबाद बोलेंगे कि नहीं यह बताना चाहिए। मुख्यमंत्री ने दो राज्यों के दौरे पर कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी ने पत्रकारिता को नई ऊंचाई दी है। सामाजिक समरसता के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी स्मृति में कार्यक्रम रखा गया उसमें शामिल होने जा रहा हूं। झारखंड में भी एक कार्यक्रम में शामिल होना है।
मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले पीओके में सैन्य कार्रवाई करने पर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार सेना के नाम पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि सेना का काम देश को सुरक्षा देना है। उसी कारण से हम सब सुरक्षित हैं। किसी भी तरह सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।

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