मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में शामिल हुए सीएम बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शाम 7.30 बजे से 8.30 बजे तक
आरबीसीसी प्रेसीडेंट स्टेट नई दिल्ली में आयोजित रात्रि भोज में शामिल होने के बाद रात्रि 9 बजे
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रस्थान कर रात्रि 10.45 बजे रायपुर लौटेंगे।
इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह और भूपेश बघेल मिले.
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू से मुलाकात करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश में जहां एक ओर judiciary की भूमिका संविधान संरक्षक की है, वहीं legislature नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है. मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का roadmap तैयार करेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है. मुझे खुशी है कि इस अवसर पर मुझे भी आप सभी के बीच कुछ पल बिताने का अवसर मिला है. आजादी के इन 75 सालों ने judiciary और executive, दोनों के ही roles और responsibilities को निरंतर स्पष्ट किया है. जहां जब भी जरूरी हुआ, देश को दिशा देने के लिए ये relation लगातार evolve हुआ है
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने आगे कहा, आज़ादी के इन 75 सालों ने judiciary और executive, दोनों के ही roles और responsibilities को निरंतर स्पष्ट किया है। जहां जब भी जरूरी हुआ, देश को दिशा देने के लिए ये relation लगातार evolve हुआ है। 2047 में जब देश अपनी आज़ादी के 100 साल पूरे करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे? हम किस तरह अपने judicial system को इतना समर्थ बनाएँ कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। भारत सरकार भी judicial system में technology की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है।