डॉ रमन के निवास पर उनसे मुलाकात कर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यकर्ताओं और प्रदेश संगठन को दे गये बड़ा संदेश
13.09.22|छत्तीसगढ़ भाजपा में इन दिनों सबकुछ चौंकाने वाला हो रहा है, ऐसा लग रहा है कि पार्टी कुछ अलग ही मूड में है, भाजपा में हुए परिवर्तनों से भाजपा का एक गुट मान रहा था कि केन्द्रीय नेतृत्व डॉ रमन सिंह को अनदेखा कर रहा है लेकिन कल शाम दिल्ली लौटने से पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अचानक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के रायपुर स्थित मौलश्री विहार निवास जाकर मुलाकात करने के कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, वहीं एक गुट के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई दिख रही हैं।
प्रदेश में हुए संगठन स्तर के बड़े फेरबदल के बाद जेपी नड्डा के डॉ रमन सिंह के निवास पर जाकर मुलाकात करने से कार्यकर्ताओं और प्रदेश संगठन को सीधा संदेश दिया गया है कि अभी भी डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ भाजपा के लिये कितने महत्वपूर्ण हैं। जेपी नड्डा पूर्व में छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी भी रह चुके हैं तो वह भली भांति जानते हैं कि पार्टी के विश्वनीय कौन हैं, और कौन कांग्रेस के साथ मिलकर भितरघात कर रहे हैं, इस मुलाकात से सबसे बड़ा झटका बृजमोहन गुट को लगा है क्योंकि वह लगातार डॉ रमन सिंह को कमजोर करने के प्रयास मे लगे थे, कांग्रेस के नेताओं के साथ उनकी घनिष्ठता भी जग जाहिर है, यही वजह है कि वह कांग्रेस सरकार के कार्यक्रमों में भाजपा के दूसरे बड़े नेताओं के अपेक्षा ज्यादा दिखाई देते हैं, वहीं, कांग्रेस ने भी उन्हें उपकृत करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
बृजमोहन अग्रवाल देश के पहले ऐसे पूर्व मंत्री होंगे जिन्हें चुनाव हारने के बाद भी सरकारी आवास मिला है, जबकि वह बंगला कांग्रेस के ही मंत्री रुद्रगुरू को अलॉट किया गया है, बावजूद इसके वह पौने चार साल से उसमें जमे हुए हैं, दूसरी तरफ नजर डाले तो डॉ रमन शायद देश के पहले ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री होंगे जो सरकारी बंगले की जगह अपने सामान्य से निवास में रहते हैं।इन सब बातों से केन्द्रीय नेतृत्व अंजान नहीं है, वे यह भी जानते हैं कि कौन से नेता अपना चेहरा चमका कर और पार्टी में भीतरघात कर नुक़सान कर रहे हैं।
अब बृजमोहन जैसे नेताओं को सतर्क हो जाना चाहिये, क्योंकि मोदी जी के प्रभारी रहते कैसे उन्होंने पार्टी के विरूद्ध जा कर भाजपा कार्यालय में आग लगाई थी जिसके लिए उन्हें पार्टी ने 6 साल के लिए निलम्बित किया था। वे आज भी कॉंग्रेस के प्रमुख नेताओं के सम्पर्क में हैं और पार्टी की बातें पहुंचाकर विभीषण का काम कर रहे हैं। इस तरह के लोगों से नये प्रभारियों को सावधान रहने की आवश्यकता है, तभी 2023 में भाजपा की नैया पार हो पायेगी।