भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस: नेताओं ने उठाया सवाल, पूछा- आखिर किसके संरक्षण में प्रदेश में अवैध शराब, जुआ-सट्टा चलाया जा रहा है ?
22.10.22| शनिवार को प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में आई बढ़ोतरी का दावा करते हुए भाजपा नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस और प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को लेकर भाजपा नेताओं ने बयान दिए। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ,व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक लाभचंद बाफना ,ने कहा छत्तीसगढ़ के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि दुर्ग में गोली मारकर एक व्यापारी की हत्या कर दी गई।
राजधर्म को शर्मसार करने वाली बात यह है कि इतनी संवेदनशील घटना के बावजूद गृहमंत्री पीड़ित परिवार के बीच नहीं गए। जबकि ये उनका ही जिला है। भाजपा नेताओं ने अपने बयान में कहा कि राज्य में अपराधों की बाढ़ आ गई है। दुर्ग जिले में सामूहिक नरसंहार हो रहा है। अब तो झारखंड के गैंगस्टर भी छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को वसूली के लिए धमाके करके धमका रहे हैं। हर रोज हत्या, अपहरण, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, लूट, डकैती, चोरी, जैसी वारदातें हो रही हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी,सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, रायपुर जिलाध्यक्ष जयंती पटेल ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाया। नेताओं ने कांग्रेस की तरफ सियासी इशारे के साथ कुछ सवाल उठाए। भाजपा ने पूछा – आखिर किसके संरक्षण में प्रदेश में अवैध शराब, जुआ-सट्टा चलाया जा रहा है ? कोयलाचोरी के मामले आम बात हैं। इसे किसका संरक्षण है ? आखिर यह कौन सा नेटवर्क है और इस पर किसका हाथ है, जो छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ बन गया है।
छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि छत्तीसगढ़ को चला कौन रहा है?भाजपा नेताओं ने मांग की है कि राज्य में पुलिस अपराधियों को पकड़ने के साथ-साथ यहा भी करे कि लोगों की जान बचाई जा सके, अपराधी हमला करने के पहले पकड़े जाएं ,प्रदेश में अपराध कम हो और प्रदेश वासी एक सुरक्षित भयमुक्त माहौल में जीवन जी सकें।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अपराधों पर लगाम लगा है। राज्य के अपराधो को लेकर बयान देने वाले भाजपा नेताओं को राज्य के एवं देश के अन्य राज्यों के अपराधों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिये। रमन सरकार की अपेक्षा अब अपराधों में प्रभावी कमी आई है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में 17 प्रतिशत की राज्य में लूट डकैती के अपराधों में भी कमी आयी है। शुक्ला ने दावा किया है कि, 2016-17-18 के तीन साल में डकैती के 214 अपराध हुये थे। कांग्रेस राज में 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में यह घट कर 196 तक पहुंच गयी। 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में हत्या के अपराधों में भी गिरावट 28 प्रतिशत की कमी आयी है।