छत्तीसगढ़

Indravati Tiger Reserve: 40 साल बाद खुलेगा इंद्रावती टाइगर रिजर्व, नक्सली खात्मे के बाद संवारने की तैयारी

Indravati Tiger Reserve: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे 40 वर्षों तक...

13, March, 2025 | जगदलपुर | Indravati Tiger Reserve: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे 40 वर्षों तक नक्सली गतिविधियों के कारण आम पर्यटकों के लिए बंद रखा गया था। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है और अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। अब सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों से इस क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि इसे फिर से पर्यटकों के लिए खोला जा सके।

वन्यजीवों की अनोखी दुनिया
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की एक समृद्ध जैव विविधता पाई जाती है। यहां दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियों में बाघ, जंगली भैंसा, सांभर, हिरण, भालू और कई अन्य जंगली जानवर एवं पक्षी पाए जाते हैं। पार्क में वन्यजीवों की निगरानी और उनकी संख्या जानने के लिए वन विभाग ने कई जगहों पर कैमरा ट्रैप लगाए हैं, जिससे यहां की जैव विविधता को समझने में सहायता मिल रही है।

सुरक्षा बलों के प्रयासों से हो रही तैयारी

इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वर्षों से नक्सलियों का कब्जा रहा, जिससे यह इलाका पर्यटकों के लिए असुरक्षित बना रहा। नक्सली गतिविधियों और हिंसा के चलते पार्क में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन अब सुरक्षा बलों और सरकार की लगातार कोशिशों के बाद इसे माओवादियों से मुक्त कर पर्यटकों के लिए खोलने की योजना बनाई जा रही है।

वन्य जीवों के संरक्षण की कोशिशें

इस टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोलने से पहले वन्य जीवों और उनके प्राकृतिक आवास को संवारने का काम भी किया जा रहा है। वन विभाग ने यहां कई दुर्लभ प्रजातियों की निगरानी के लिए विशेष कैमरा ट्रैप लगाए हैं। इस पार्क में 2,000 से अधिक स्थानीय लोग भी रहते हैं, जिन्हें सरकार दूसरी सुरक्षित जगह पर बसाने की प्रक्रिया में है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

सरकार का मानना है कि अगर यह पार्क पर्यटकों के लिए खुलता है, तो इससे इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि नक्सलियों के प्रभाव को खत्म करने के बाद इस इलाके को पर्यटन के लिए तैयार किया जाएगा। जैसे ही यह इलाका सुरक्षित होगा, वैसे ही इसे आम पर्यटकों के लिए खोला जाएगा, जिससे न केवल पर्यटकों को नया गंतव्य मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

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