CG COAL MINES PROTEST | कोल खदानों पर छत्तीसगढ़ में भारी जनविरोध

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोल माइंस परियोजनाओं के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। रायगढ़, सरगुजा और कोरबा जिलों में एक के बाद एक विरोध प्रदर्शन सामने आ रहे हैं। तमनार ब्लॉक के 14 गांवों के ग्रामीण जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) की प्रस्तावित कोयला खदान के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। ग्रामीण साफ कह रहे हैं “हम किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे।”
तमनार में जनसुनवाई के ख़िलाफ़ मानव श्रृंखला, विधायक भी उतरीं मैदान में
तमनार ब्लॉक में प्रस्तावित गारे–पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक को लेकर ग्रामीण 5 दिसंबर से जनसुनवाई रद्द करने की मांग पर डटे हैं। विरोध के समर्थन में लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार भी पहुंचीं और ग्रामीणों के साथ जनसुनवाई निरस्त करने की मांग की। ग्रामीणों ने टेंट न लगने देने के लिए मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने पब्लिक हियरिंग को स्कूल मैदान में करने के बजाय छुपकर मार्केट कॉम्प्लेक्स के एक कमरे में कर दिया। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात थे, हालांकि बाद में उन्हें हटाया गया।
ग्रामीणों की आवाज
ग्रामीणों का कहना है कि तमनार और आसपास का इलाका पहले से ही प्रदूषण की चपेट में है। भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ने से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने खतरा जताया कि नई खदान से विस्थापन, पर्यावरणीय नुकसान और आजीविका पर बड़ा संकट आएगा।
धौराभांठा स्कूल मैदान में चल रहे धरने में 14 गांवों झरना, आमगांव, कोसमपाली, पतरापाली, जांजगीर, गोढ़ी, कसडोल, महलोई, सरसमाल सहित अन्य क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। ग्रामीण किसी भी नई कंपनी को क्षेत्र में प्रवेश नहीं देने पर अड़े हैं।
ग्राम सभा की सहमति के बिना कार्रवाई पर सवाल
आंदोलनकारी जयंत बोहिदार ने बताया कि 24 अक्टूबर को भी जनसुनवाई का विरोध किया गया था। उनका कहना है कि ग्राम सभा की सहमति के बिना कलेक्टर का गांव में प्रवेश उचित नहीं है। आज पुनः जनसुनवाई रखे जाने पर 25 हजार से अधिक लोग विरोध में उतरे।
कहां-कहां कोल खदानों के खिलाफ उबाल ?
1. सरगुजा – पुलिस-ग्रामीण भिड़ंत, 25 पुलिसकर्मी घायल
सरगुजा के अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार के खिलाफ 3 दिसंबर को बड़ा विवाद हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव और गुलेल से हमला किया, जिसमें ASP और थाना प्रभारी सहित 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। 12 से अधिक ग्रामीण भी घायल हुए। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। यह पूरा मामला लखनपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है।
2. रायगढ़ – 300 ग्रामीणों ने रातभर दिया धरना
रायगढ़ के छाल क्षेत्र में भी ग्रामीणों का कोयला खदान के खिलाफ आंदोलन जारी है। पुरूंगा, साम्हरसिंघा और तेंदूमुड़ी गांव के लोग जल–जंगल–जमीन बचाने के लिए डटे हुए हैं। 6 नवंबर को 300 ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे, मगर कलेक्टर के न मिलने पर वे रातभर धरने पर बैठे रहे। 11 नवंबर को प्रस्तावित जनसुनवाई को रद्द करने की मांग की गई।
3. कोरबा – CISF का लाठीचार्ज, कई गंभीर घायल
कोरबा की SECL गेवरा खदान में भू-विस्थापितों के प्रदर्शन पर CISF ने लाठीचार्ज किया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जवानों को प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटते देखा गया। रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों में से 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घायलों में किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू, रमेश दास, बिमल दास और गुलाब दास शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में कोल माइंस को लेकर तीन बड़े जिलों रायगढ़, सरगुजा, कोरबा में व्यापक जनविरोध खड़ा हो गया है। ग्रामीणों की मुख्य मांगें विस्थापन रोकना, पर्यावरण संरक्षण, आजीविका सुरक्षा और ग्राम सभा की सहमति सभी जगह समान हैं। लगातार फैलते विरोध से राज्य सरकार और कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।



