CG BREAKING | जनपद CEO पर गिरी गाज, जानिए वजह …

गरियाबंद, 15 दिसंबर 2025। गरियाबंद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में सामने आई बड़ी अनियमितताओं के बाद प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। मैनपुर जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) स्वेता वर्मा को पद से हटा दिया गया है। जिला पंचायत गरियाबंद के सीईओ प्रखर चंद्राकर ने आदेश जारी कर उन्हें जनपद सीईओ पद से मुक्त कर दिया है।
दरअसल, मैनपुर विकासखंड में योजना के तहत 1000 से अधिक अधूरे आवासों को कागजों में पूर्ण दिखाए जाने का मामला सामने आया था। कई मकानों में न तो छत की ढलाई हुई थी और न ही निर्माण कार्य पूरा हुआ था, इसके बावजूद उन्हें पूरा बताकर 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सामूहिक गृह प्रवेश कराया गया।
जांच में खुलासा हुआ कि आवास पोर्टल पर तकनीकी व्यवस्था का दुरुपयोग कर अधूरे मकानों को पूर्ण दर्शाया गया। कई मामलों में तो मकान की नींव तक नहीं डली थी, फिर भी सहायक सचिव और आवास मित्रों ने मनरेगा के तहत मजदूरी की राशि निकाल ली। इसका सीधा नुकसान वास्तविक हितग्राहियों को हुआ, जिनके मकान आज भी अधूरे हैं।
यह मामला तब उजागर हुआ जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गृह प्रवेश सूची का जमीनी स्तर पर सत्यापन किया। मैनपुर जनपद सदस्य परमेश्वर जैन ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र सहित कई पंचायतों में अधूरे मकानों को भी पूर्ण आवास बताकर सूची में शामिल किया गया था। सामूहिक गृह प्रवेश की सूची में शामिल 40 से अधिक आवासों में से करीब आधे अधूरे पाए गए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इसे बड़ी प्रशासनिक चूक माना है। प्रारंभिक जांच में जनपद स्तर पर लापरवाही और निगरानी की कमी सामने आने के बाद जनपद सीईओ स्वेता वर्मा पर कार्रवाई की गई। जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर ने साफ कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जनहित की योजना में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।



