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भूपेश बघेल लोकतंत्र में पूरी तरह अनफिट- सवन्नी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को चुनाव आयोग और सरकार की कार्यप्रणाली में फर्क करने की नसीहत दी है। साथ ही कांग्रेस की तयशुदा हार को स्वीकार करने के लिए मनोवैज्ञानिक तौर पर तैयार रहने को कहा है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र सवन्नी ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल द्वारा निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा नहीं करने का आरोप हास्यास्पद और मानसिक कुंठा का परिचायक है। सवन्नी ने कहा कि हर मोर्चे पर शिकस्त खाकर हताश हो चुके बघेल ने अब अफसरों-कर्मचारियों पर निशाना साधकर यह सिध्द कर दिया है कि कांग्रेस नेता अब किसी भी स्तर तक गिर जाने के लिए विवश हो गए हैं। अपनी तयशुदा पराजय को भांपकर बघेल पहले सरकार पर हमला बोलते रहे। जब उनकी दाल नहीं गली तो अब अफसरों-कर्मियों पर निशाना साधकर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कुटिल रणनीति पर काम कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस नेता ईवीएम को लेकर पूरे प्रदेश और देश में जिस तरह भ्रम का माहौल पैदा करने का अभियान चलाए हुए हैं, उसमें उन्हें मात ही खानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ईवीएम के बदलने, मतदान के आंकड़ों आदि को लेकर जिस तरह कांग्रेस विवाद की नौबत पैदा कर रही है, उससे फिर यह साफ हो रहा है कि कांग्रेस का न तो लोकतंत्र पर यकीन है और न ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया व जनादेश के प्रति वह सम्मान रखती है। दरअसल भूपेश बघेल लोकतंत्र के लायक ही नहीं रह गए हैं। अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर बयानबाजी कर रहे बघेल पर हमलावर होते हुए सवन्नी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता और धारा 144 का उल्लंघन करके अपराध करने पर चुनाव आयोग ने विधिसम्मत कार्रवाई की है। यदि एफआईआर होने की इतनी ही पीड़ा बघेल को है तो यह उन्हें चुनाव आयोग के दफ्तर में समर्थकों के साथ हंगामा और धरना से पहले मानसिक संतुलन साधकर विचार करना था। यदि किसी बिंदु पर असहमति थी या है तो उसकी अभिव्यक्ति में राजनीतिक शिष्टाचार का परिचय देना था। लेकिन कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र में शिष्टाचार की अपेक्षा ही बेमानी है। षड्यंत्र, छल-प्रपंच और झूठ के सहारे सत्ता हासिल करने की नितांत अलोकतांत्रिक प्रवृत्ति कांग्रेस की रही है। भाजपा तो जनादेश, जन विश्वास और कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ के बल पर ही सत्ता के माध्यम से जन-सेवा और लोक-कल्याण में विश्वास रखती है। बघेल तो खुद ही कथित सेक्स सीडी और अपने ही नेता के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन जैसी साजिशों के आरोपों से घिरे हुए हैं।

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