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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद शुद्धिकरण, फिर खुले कपाट

तिरुवनंतपुरम। केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर के द्वार बंद कर शुद्धिकरण किया गया। शुद्धिकरण की प्रक्रिया के बाद पुन: मंदिर के कपाट खोले गए। दो महिलाओं ने दावा किया कि उन्होंने बुधवार तड़के मंदिर में प्रवेश कर भगवान के दर्शन किए थे।

मंदिर में पहली बार प्रवेश करने में सफल महिलाओं में कोइलांडी निवासी बिंदु और मलाप्पुरम के अंगाडीपुरम निवासी कनक दुर्गा शामिल हैं। दोनों महिलाएं पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में पंबा से शनिदानम पहुंचीं तथा सुबह साढ़े तीन बजे दर्शन करने में कामयाब रहीं।

दर्शन के बाद बिंदु ने कहा कि वह कनक दुर्गा के साथ देर रात एक बजे पंबा पहुंच गईं तथा आगे की चढ़ाई पर जाने के लिए पुलिस से सुरक्षा की मांग की। पुलिस सहयोग से हम मंदिर में भगवान के दर्शन करने में सफल रहे।

टूटी परंपरा : इन महिलाओं के प्रवेश के साथ ही मंदिर की प्राचीन परंपरा भी टूट गई। मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के बाद पहली बार 50 से कम उम्र की महिलाओं ने अयप्पा मंदिर में प्रवेश किया है।

इस बीच, मंदिर के मुख्य पुजारी कंदारारू राजीवारू ने कहा कि उन्हें युवा महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में टीवी चैनलों के जरिए खबर मिली।

हम नहीं जानते कि इन महिलाओं ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया था या नहीं।

अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक दोनों महिलाओं ने शनिदानम में पहुंचने के लिए परंपरागत मार्ग का इस्तेमाल नहीं किया। पुलिस दोनों की सुरक्षा को लेकर भारी दबाव में थी। इस बीच केरल पुलिस ने भी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने की बुधवार सुबह पुष्टि की है।

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