छत्तीसगढ़

सीएम भूपेश के तीन फैसलों से जनता के और करीब पहुंचेगी छत्‍तीसगढ़ सरकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तीन महत्वपूर्ण घोषणा का असर आम आदमी के जीवन में बेहतर बदलाव के रूप में देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर प्रदेश की 50 फीसदी आबादी को राहत दी है। छत्तीसगढ़ में करीब 52 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है।
ऐसे में ओबीसी का आरक्षण 14 फीसदी बढ़ाकर सरकारी नौकरी से लेकर रोजगार के अवसरों में समाज की लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति में ओबीसी के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गस्र्वा से लेकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने में भी समाज की भागीदारी बढ़ेगी।
उच्च प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो नई तहसील के गठन से सरकार आम जनता के नजदीक पहुंचेगी। बस्तर की तहसील को जब जिला बनाया गया तो वहां विकास की रफ्तार तेज हुई। नए प्रोजेक्ट की मानिटरिंग शुरू हुई और विकास योजनाओं को पंख लग गए। अब सरकार ने नई तहसील और पेंड्रा को जिला बनाने की घोषणा की है।
पेंड्रा आदिवासी बहुल इलाका है और यहां लंबे समय से जिला बनाने की मांग की जा रही थी। पेंड्रा सामाजिक और धार्मिक रूप से काफी मायने रखता है। इसके साथ ही जैव विविधता भी यहां है। जानकारों की मानें तो छत्तीसगढ़ के पर्यटन के नक्शे पर पेंड्रा एक पहचान के रूप में उभरेगा।
अब नए जिलों की तेज हुई मांग
नए जिले की घोषणा के साथ अब पत्थलगांव को भी जिला बनाने की मांग तेज हो गई है। पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव ने पत्थलगांव को जिला नहीं बनाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार ने एक बार फिर ठगने का काम किया है। प्रदेश में सात नए जिले बनाने की मांग चल रही थी।
इसमें कोरिया जिले से चिरमिरी-मनेंद्रगढ़ को अलग करके एक नया जिला, प्रतापपुर व वाड्रफनगर को मिलाकर एक जिला, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले से भाटापारा को अलग कर स्वतंत्र जिला, महासमुंद से सांकरा से लेकर बंजारीनाका तक (फुलझर अंचल) नया जिला, राजनांदगांव जिले से खुज्जी, मोहला, मानपुर को मिलाकर अंबागढ़ चौकी अलग जिला बनाने की मांग है।
ऐसे बढ़े छत्तीसगढ़ में नए जिले
अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ अंचल में आठ जिले थे। वर्ष 1998 में मध्यप्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में आठ नए जिले बनाए। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया, तब जिलों की संख्या 16 थी। वर्ष 2007 दो नए जिले नारायण्ापुर व बीजापुर बनाए गए थे। 15 अगस्त 2011 को नौ नए जिले सुकमा, कोंडागांव, गरियाबंद, बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, सूरजपुर, बलरामपुर की घोषणा की गई थी।

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