छत्तीसगढ़

रिटायरमेंट के एक साल बाद भी पेंशन शुरू नहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी के परिवार के सामने भूख से मरने की नौबत

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से भी लगाई गुहार

रायपुर। सेवा निवृत्ति के एक साल गुजर जाने के बाद भी जमाल अहमद को अब तक पेंशन शुरू नहीं हुई है। इसके फलस्वरूप श्री अहमद और उनके परिवार के सामने भूख से मरने की नौबत आ गई है। श्री अहमद छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास निगम (सीआईडीसी) के परिचालक पद से 30 जून 2018 को रिटायर हुए हैं। उन्होंने लंबे इंतजार के बाद अपनी पेंशन के लिए निगम के प्रबंध संचालक को कई पत्र लिखे। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव जैसे सर्वाेच्च पदाधिकारियों को भी आवेदन भेजा। लेकिन अब तक उन्हें पेेंशन की स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र नामदेव ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री जमाल अहमद की प्रथम नियुक्ति तत्कालीन मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम में 2 जनवरी 1984 को हुई थी। इस प्रकार उनकी कुल सेवा अवधि 35 वर्ष से ज्यादा होती है लेकिन सीआईडीसी द्वारा उनकी सेवा अवधि की गलत ढंग से गणना करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) रायपुर को सिर्फ 6 वर्ष बताई गई है। श्री नामदेव ने बताया कि इसके फल स्वरूप अहमद से कहा जा रहा है कि उन्हें पेंशन की पात्रता नहीं है जबकि उन्हें नियमित कर्मचारी मानते हुए 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने 1 अपै्रल 2006 की स्थिति में समयमान वेतनमान भी स्वीकृत किया गया है साथ ही उनके अर्जित अवकाश नगदीकरण की भी स्वीकृति दी गई है जो नियमित कर्मचारियों को दी जाती है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें मासिक पेंशन अब तक मंजूर नहीं की गई है।
श्री नामदेव ने कहा कि पेंशन स्वीकृत नहीं होने के कारण श्री अहमद और उनके परिवार को अत्यधिक आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है और उनके परिवार के समक्ष भूख से मरने की नौबत आ गई है। छत्तीसगढ़ सरकार के जन शिकायत निवारण विभाग में भी श्री अहमद का आवेदन दर्ज है लेकिन वहां भी उनके आवेदन पर कोई सकारात्मक पहल नहीं हो रही है। राज्य शासन के वित्त विभाग द्वारा श्री अहमद का आवेदन त्वरित निराकरण के लिए प्रबंध संचालक, सीआईडीसी को भेजा गया है, पर राज्य शासन से प्राप्त पत्रों को भी सीआईडीसी में कोई तरजीह नहीं दी जा रही।
छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष श्री नामदेव ने राज्य शासन से इस प्रकरण में मानवीय दृष्टिकोण से त्वरित पहल करने और श्री अहमद की पेंशन तत्काल स्वीकृत करने की अपील की है।

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