अब घटिया क्वालिटी का खाद्य तेल बेचा तो जाना पड़ेगा जेल
बिलासपुर । खुले में खाद्य तेलों की बिक्री करने वालों की खैर नहीं है। राज्य शासन ने इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इससे मिलावट खोरों के अलावा सस्ते ब्रांड के तेल को अच्छी क्वालिटी का बताकर उपभोक्ताओं को बेचने वालों पर शिकंजा कसेगा। राज्य शासन ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर इस पर कड़ाई बरतने और छापामार कार्रवाई करने कहा है।
अब खुले में खाद्य तेल नहीं बेचा जा सकेगा। यह नियम किराना दुकान और एक्सपेलर यूनिटों पर समान रूप से लागू होगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के आदेश के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने राज्य के सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इस आदेश के परिपालन के आदेश जारी कर दिए हैं।
तेलों में बढ़ रही मिलावट की शिकायत और जांच में प्रमाणित होना पाया जाना पाते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण इसके पहले ही एक बार के उपयोग के बाद दूसरे उपयोग पर प्रतिबंध लगा चुका है।
अब प्राधिकरण ने इससे आगे एक कदम और बढ़ते हुए अब खुले में बेचे जा रहे तेलों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। रक्षाबंधन के साथ त्योहारों के शुरुआत में प्राधिकरण का यह फैसला इस कारोबार के लिए झटका कहा जा सकता है लेकिन इसके दूरगामी परिणाम निश्चित ही सुखद होंगे और शुद्घ खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। त्योहार के सीजन में खाद्य तेलों की बिक्री आम दिनों की तुलना में लगभग दोगुनी हो जाती है।
ऐसे में कम कीमत वाले खाद्य तेल बाजार में खूब बिकते हैं। यह तेल छोटी छोटी इकाइयांें के अलावा एक्सपेलर यूनिटों द्वारा सप्लाई होती है। इसके अलावा खुले में बेची जाने वाली तेल की पहचान में भी दिक्कत पैदा करती है। सबसे बड़ी हानि गुणवत्ता को पहुंचती है।
चूंकि लगभग सभी खाद्य तेल के रंग एक समान रहते हैं इसलिए आसानी से उसमें कोई भी सस्ता खाद्य तेल मिलाया जा सकता है। इसके अलावा नाप के लिए जो उपकरण इस काम में उपयोग किया जाता है वह एक ही होता है। तेल कितना पुराना है,विक्रय के योग्य है या नहीं इसकी पहचान कठिन है। इसलिए प्राधिकरण ने तत्काल प्रभाव से खुले में खाद्य तेल की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।
एक्सपेलर यूनिटों को भी लेना होगा लाइसेंस
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक और नियम को प्रभावी कर दिया है। इसके अनुसार अब तेल निकालने वाली छोटी इकाइयां याने एक्सपेलर यूनिटों के लिए भी अनिवार्यता लागू कर दी है। इसके लागू हो जाने के बाद ऐसी इकाइयां बिना लाइसेंस खाद्य तेलों की प्रोसेसिंग नहीं कर सकेंगी। संपूर्ण परिसर सुरक्षा हाइजेनिक रखना होगा। खाद्य तेलों की गुणवत्ता का भी ध्यान रखना होगा। याने हर उस नियम का पालन करना होगा जिसकी अनिवार्यता प्राधिकरण ने लागू की हुई है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के आदेश के बाद अब खुले में खाद्य तेलों की बिक्री नहीं की जा सकेगी। खाद्य सुरक्षा अजधिकारियों को इसका परिपालन के निर्देश दिए जा रहे हैं। डॉ.आरके शुक्ला-असिस्टेंट कमिश्नर,खाद्य एवं औषधि प्रशासन छग