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टॉप-10 में छत्तीसगढ़ की ये यूनिवर्सिटी, एडमिशन के लिए कई राज्यों से पहुंचे छात्र

इंदिरा गांधी कृषि विवि का नाम आइसीएआर की टॉपटेन सूची में शामिल

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विवि का नाम आइसीएआर की टॉपटेन सूची में शामिल होने से विवि में दाखिला चाहने वाले अन्य राज्यों के छात्रों की संख्या बढ़ गई है। शैक्षणिक सत्र 2019-20 में पीजी व पीएचडी की कुल सीटों को मिलाकर 114 छात्र-छात्राएं विवि में दाखिला लेने पहुंचे हैं।
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, ओडिशा, उत्तराखंड आदि राज्यों से दाखिले के लिए कैंपस में पहुंचे छात्रों के अनुसार विवि कैंपस में हरियाली के साथ कृषि संग्रहालय, मत्स्य पालन जैसे कई रिसर्च केंद्र हैं। रिसर्च स्थल और कॉलेज में बहुत अधिक दूरी नहीं होने का फायदा छात्रों को मिलेगा, क्योंकि कई कृषि विवि में रिसर्च सेंटर कॉलेज से दूर है। ऐसे में प्रायोगिक जानकारी नहीं मिल पाती है, जबकि कृषि क्षेत्र में रिसर्च का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
स्थानीय छात्रों में होगा विकास
प्रदेश में एक मात्र कृषि विवि में लगभग 2200 सीटें हैं। आइसीएआर की सीट में बढ़ोतरी होने राज्य से छात्र को भी फायदा मिलेगा। अन्य राज्यों के छात्रों के साथ पढ़ाई करने से स्थानीय छात्रों का भाषाई विकास होगा। ज्ञात हो कि पिछले कई वर्षों से विवि में आइसीएआर की सीटें खाली जा रहीं थी, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से कोई विवि या प्रदेश में आना नहीं चाहता था, लेकिन अब की स्थिति बिलकुल बदल गई है।
कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी
देश के टॉप टेन कृषि विवि में राज्य के कृषि विवि को स्थान मिलने पर स्थानीय छात्रों में भी खुशी है। लगातार कृषि कॉलेजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। शासकीय कॉलेज की सूची में शामिल दो नए कॉलेजों में भी दाखिला इसी वर्ष से दिया गया है। इनमें 24-24 सीट पर प्रवेश हुआ है।
नए कॉलेजों में एक बेमेतरा (साजा) में और दूसरा पाटन (मर्रा) में है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान मर्रा के प्रभारी डॉ. अजय वर्मा की मानें तो कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी शुरू में सामुदायिक भवन में कॉलेज संचालित किया जा रहा हैं, जहां 24 सीटों के लिए पर्याप्त कमरे हैं। इसी तरह का कॉलेज सेट साजा में तैयार हुआ है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान, साजा के प्रभारी डॉ. डीएस ठाकुर ने बताया कि शैक्षणिक प्रक्रिया के आधार पर दाखिला शुरू हो गया है।

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