छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय सेवा योजना का स्वर्ण जयंती समारोह : मुख्यमंत्री ने की कई बड़ी घोषणाएं

राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय शिविर के लिए हर वर्ष मिलेगा 10 लाख रूपए का अनुदान, राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कारों की संख्या 7 से बढ़ाकर 26 करने और सम्मलित पुरस्कार राशि 50 हजार रूपए से बढ़ाकर 3 लाख रूपए करने की घोषणा, सेवा, समर्पण, त्याग और बलिदान से ही होगा राष्ट्र का नवनिर्माण *युवाओं से देश का जिम्मेदार नागरिक बनने का आव्हान

रायपुरl मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वर्ण जयंती के अवसर पर रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह में कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय शिविर के आयोजन के लिए राज्य शासन की ओर से प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए का अनुदान देने, राष्ट्रीय सेवा योजना के पुरस्कारों की संख्या 7 से बढ़ाकर 26 करने और सम्मलित पुरस्कारों की राशि 50 हजार रूपए से बढ़ाकर तीन लाख करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार योजना के अंतर्गत संस्थाओं को दिए जाने वाले संस्थागत पुरस्कार की राशि 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रूपए, कार्यक्रम अधिकारी पुरस्कार की राशि 5 हजार से बढ़ाकर 11 हजार रुपए और छात्रों के लिए स्वयंसेवक के पुरस्कार की राशि 4500 रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की। समारोह में उपस्थित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक विद्यार्थियों ने अपने स्थान पर खड़े होकर ताली बजाकर मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सेवा और समर्पण, त्याग और बलिदान से ही राष्ट्र निर्माण हो सकता है। युवा राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों को आत्मसात कर देश के अनुशासित और जिम्मेदार नागरिक बने।
समारोह की अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने की। विधायक सत्यनारायण शर्मा और विकास उपाध्याय, पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. केशरीलाल वर्मा, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सोनमणि बोरा, उच्च शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से विद्यार्थियों में नेतृत्व और लोकतांत्रिक गुणों का विकास होता है। एनएसएस का ध्येय वाक्य ‘मैं ही नहीं आप भी’ महत्वपूर्ण संदेश देता है। एनएसएस के शिविरों में विद्यार्थी गांवों में जाकर वहां की समस्याओं को समझने और श्रमदान कर समस्याओं के व्यावहारिक समाधान में योगदान देते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना में विद्यार्थी विभिन्न राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति जन जागरूकता विकसित करने और सामाजिक समरसता का विकास करने में भी योगदान देते हैं। समय-समय पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने अकाल पीड़ितों की सेवा, साफ-सफाई और रोग निदान, गांवों के आर्थिक विकास, साक्षरता, सामाजिक सौहार्द्र और जल प्रबंधन जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
श्री बघेल ने कहा कि आज एनएसएस के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होकर मुझे इसके गौरवशाली इतिहास से जुड़ने का मौका मिला है। जिसकी अलख हमारे महान नेताओं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन ने जगाई थी।
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना में हर वर्ष एक लाख छात्र जुड़ते हैं। यह संगठन की शक्ति को दर्शाता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के रचनात्मक कार्यों में छत्तीसगढ़ देश के प्रथम तीन अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर महात्मा गांधी के विचारों पर अधिक से अधिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे हमारे नौजवान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विचारधारा से अवगत हो सकें और उनसे जुड़ सकें।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े विद्यार्थी विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर जन जागरूकता और समाज को जोड़ने का रचनात्मक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा लिए गए ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम सुराज योजना के अंतर्गत प्रारंभ किए गए ‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी विकास योजना’ की थीम पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. समरेन्द्र सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रेरणा से छात्र-छात्राओं को गांवों की समस्याओं से परिचित कराने और ग्रामीणों से सीख लेने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरूआत की गई थी।
मुख्यमंत्री ने समारोह में राष्ट्रीय सेवा योजना-2019 के राज्य स्तरीय पुरस्कारों से श्रेष्ठ इकाई, कार्यक्रम अधिकारी और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। श्रेष्ठ संस्था के रूप में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डागांव की राष्ट्रीय सेवा इकाई को दस हजार रूपए का नगद पुरस्कार, श्रेष्ठ स्वयंसेवक के लिए प्रत्येक को 4500-4500 रूपए और कार्यक्रम अधिकारियों को पांच-पांच हजार रूपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। श्री बघेल ने पूर्व कार्यक्रम अधिकारी श्री विश्वनाथ कश्यप को राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यों में दिए गए विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया।
सम्मान समारोह में संस्था इकाई स्तर पर शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डागांव, कार्यक्रम अधिकारी पुरस्कार के लिए सी.एम.डी. पी.जी. महाविद्यालय बिलासपुर के डॉ. पी.एल. चंद्राकर और सूरजपुर जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्दरई को सम्मानित किया गया। श्रेष्ठ स्वयंसेवक स्तर (विद्यालय) के लिए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डागांव के श्री योगेश देवांगन और राजनांदगावं जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिंघाभेेंडी के भोलेश्वर साहू तथा श्रेष्ठ स्वयंसेवक स्तर (महाविद्यालय) के लिए भिलाई के शंकराचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की कुमारी निधि साहू अम्बिकापुर विश्वविद्यालय के श्री राजीव कुमार सिंह और पंड़ित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में समाज शास्त्र एवं समाज कार्य अध्ययनशाला के श्री कौशल गजेन्द्र को सम्मानित किया गया। राज्य स्तरीय स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह पर आयोजित देशी खेल प्रतियोगिताओं खो-खो, रूमाल झप्पटा, रस्सा-कस्सी, झंडी दौड़ के विजेताओं को भी मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री ने कांतिलाल यादव द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के छत्तीसगढ़ी में लक्ष्य गीत की सीडी का विमोचन भी किया।
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