छत्तीसगढ़

राष्ट्रवाद को कोसने के बदलेे कांग्रेस अपने कर्मों पर मंथन करें : डॉ. रमन सिंह

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भाजपा किसी को राष्ट्रवाद का सर्टीफिकेट नहीं बांटती। अब अगर कांग्रेस की देशभक्ति पर देश संदेह कर रहा है तो कांग्रेस नेताओं को अपने कर्मों पर मंथन करने की आवश्यकता है। डॉ. सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान पर हमलावर थे, जिसमें बघेल ने भाजपा के राष्ट्रवाद की आलोचना करते हुए राष्ट्रवाद का सर्टीफिकेट बांटने की बात कही थी।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा ने कभी राष्ट्रवाद के नाम पर देश को बांटने का काम नहीं किया। अलबत्ता कांग्रेस ने सत्ता के लिए देश का साम्प्रदायिक आधार पर विभाजन मंजूर किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के कर्म ही ऐसे रहे हैं कि अब देश को उस पर भरोसा नहीं रह गया है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 जारी रखने और अफ्स्पा को खत्म करने का वादा अपने चुनावी घोषणापत्र में करके कांग्रेस किनका हित साध रही थी? एक पार्टी के अध्यक्ष होकर भी राहुल गांधी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होकर क्या संदेश और संकेत दे रहे थे? भाजपा के राष्ट्रवाद को कोसने से पहले कांग्रेस के नेता अपने कर्मों पर मंथन करें और फिर राष्ट्रवाद की परिभाषा गढ़ें। इसके लिए कांग्रेस को तुष्टिकरण की राजनीति के दायरे से बाहर आना होगा।
श्रीराम को कांग्रेसियों के कण-कण में बताने पर भी मुख्यमंत्री बघेल पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने तीखा कटाक्ष किया। डॉ. सिंह ने कहा कि श्रीराम को लेकर कांग्रेस मौकापरस्ती के अपने राजनीतिक चरित्र पर उतर आई है। देश को याद है कि रामसेतु और भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हुए कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश किया था। भगवान श्रीराम को महज एक काल्पनिक पात्र बताने वाली कांग्रेस अब वोटों की लालच में भगवान राम को भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक बता रही है! मुख्यमंत्री बघेल से डॉ. सिंह ने पूछा कि वे बताएं कि भगवान राम के मंदिर के खिलाफ जिरह करने वाले वकीलों की राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या कांग्रेस की नहीं है? भाजपा के लिए श्रीराम इस राष्ट्र-जीवन के आदर्श और पराक्रमी-पौरुष की पहचान हैं, आस्था के केन्द्र हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में पूरे देश की भागीदारी रही है। रास्वसं के संस्थापक सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार स्वयं क्रांतिकारी आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे। कांग्रेस लगातार यह झूठ फैला रही है कि संघ-परिवार और उससे जुड़े संगठनों के लोगों का स्वाधीनता आंदोलन से कोई संबंध नहीं था। भाजपा पर असहिष्णुता का ठीकरा फोड़ने वाले कांग्रेस नेता यह झूठ फैलाकर अपनी असहिष्णुता का ही परिचय दे रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विवादग्रस्त बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। प्रदेश के मुख्यमंत्री कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं जो इस मौके पर गांधी के विचारों पर चर्चा करने के बजाय गोडसे-राग अलाप रहे हैं। जनसंघ-भाजपा ने कभी गोडसे का महिमामंडन नहीं किया लेकिन गांधी के नाम पर अपनी सियासत कर रहे कांग्रेस के लोगों ने गांधी के विचारों की चर्चा से अधिक रुचि गोडसे के जिन्न को बोतल से बाहर निकालने में दिखाई।

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