‘मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब मुद्दे से पीछा छुड़ाना होता है तब प्रकोष्ठ का झुनझुना निकाल लेते हैं’- डॉ रमन सिंह
02.11.22| शासकीय विभागों में रोस्टर के पालन के लिए प्रकोष्ठ गठित करने की घोषणा पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सरकार को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब मुद्दों से पीछा छुड़ाना होता हैं तब समिति-प्रकोष्ठ का झुनझुना निकाल लेते हैं. मंत्री अमरजीत भगत ने इस ट्वीट पर रमन सिंह को साधुवाद देने के साथ कड़ा जबाव दिया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर आदिवासियों की मांग पर समस्त शासकीय विभागों में रोस्टर के नियमित रूप से पालन के संबंध में जांच के लिए प्रकोष्ठ के गठन की घोषणा की थी. इसके साथ ही राज्य के आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराया था.
इस पर रमन सिंह के ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब मुद्दे से पीछा छुड़ाना होता है तब “समिति/प्रकोष्ठ” का झुनझुना निकाल लेते हैं. इसके पहले पुलिस परिवारों की मांग पर कमेटी, ST-SC कर्मचारियों की मांग पर कमेटी, नियमितीकरण के लिए कमेटी, शराबबंदी के अध्ययन के लिए कमेटी और अब आरक्षण के लिए एक नया प्रकोष्ठ.
रमन सिंह के इस ट्विट पर मंत्री अमरजीत भगत ने उन्हें साधुवाद देते हुए कहा कि स्मरण दिलाना चाहता हूं कि पिछले 15 साल आप शासन में थे, आदिवासियों के लिए प्रेम था तो आरक्षण मामले को कोर्ट में जस्टिफाई करना था, क्यों नहीं किए? दस्तावेज की कमी के कारण आरक्षण 32% दे घटकर 20% हो गया. आदिवासियों को उनका हक जरूर मिलेगा, जो भी कार्रवाई करने पड़ेंगे करेंगे.
भगत ने कहा कि विभिन्न राज्यों में आरक्षण के पूरे मामले को अध्ययन के लिए भेज दिया है. बहुत जल्द विशेष सत्र भी बुलाएंगे, जरूरत पड़ेगा तो अध्यादेश लाएंगे. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में आरक्षण कांग्रेस ने दिया. बिगड़ी हुई आरक्षण व्यवस्था को सुधारने के लिए कांग्रेस तैयार है. ये बीच-बीच में लोगों के बीच गलतफहमी पैदा करने वाले बीजेपी के लोग राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं करते हैं.