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नेता प्रतिपक्ष बोले-‘सत्ता पक्ष में जल्दबाजी में आरक्षण बिल पेश किया है ना कोई होमवर्क किया ना कोई तैयारी’

03.12.22|आरक्षण विधेयक पेश होने के बाद भी आरक्षण का रंग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा अब विपक्ष ने एक नई बहस शुरू कर दी है विपक्ष की मांग है कि अनुसूचित जाति को 16% और आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10% तक आरक्षण मिलना चाहिए।

शनिवार को इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस लेते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता पक्ष में जल्दबाजी में आरक्षण बिल पेश किया है ना कोई होमवर्क किया ना कोई तैयारी। विपक्ष की बात को भी नहीं सुना गया बहुमत का दुरुपयोग करते हुए आरक्षण बिल पेश कर दिया गया।

कांग्रेस का दावा है कि पटेल आयोग के डाटा के आधार पर आरक्षण में संशोधन किया गया है नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने दावा किया कि सदन में डाटा ही पेश नहीं किया गया जिसके आधार पर चर्चा होनी थी। यह सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया चूंकि मामला आदिवासी भाइयों ओबीसी अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से जुड़ा था इसलिए हमने समर्थन किया।

नारायण चंदेल ने कहा कि हमने राज्य सरकार से मांग की है कि आदिवासियों को 32% अनुसूचित जाति को 16% ओबीसी वर्ग को 27 और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10% आरक्षण दिया जाए मौजूदा व्यवस्था में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को 13% और ईडब्ल्यूएस को सिर्फ 4% आरक्षण दिया जा रहा है हम इसे लेकर कानूनी सलाह ले रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने नौवीं अनुसूची में संकल्प भेजे जाने को लेकर भी आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आरक्षण संबंधी कानून बनाने का पूरा अधिकार है फिर जानबूझकर नवमी अनुसूची का बहाना बनाकर मामला केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है हर बात को भारत सरकार के पाले में डालना कांग्रेस की राजनीति है इसके बाद राजनीतिक मामला बनाकर इसे लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जाएगी

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