छत्तीसगढ़

गरियाबंद : शहर में बढ़ा कुत्तों का आतंक, 25 लोग हुए घायल

गरियाबंद। शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों के नाम से दहशत बनी हुई है। बीते 2 दिनों में कुत्तों ने 25 लोगों को काटा है जिनमें से 23 गरियाबंद शहर के हैं और 2 कौन्दकेरा के। पीड़ितों का इलाज जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। लोगों का अनुमान है कि कुत्ते पागल हो रहे हैं।
यह घटना गरियाबंद की है, जहाँ मानस चौक में तीन लोगों को और रावण भाटा में दो लोगों को कुत्तों ने काट लिया है। लोगों का कहना है कि शहर में पहले कभी कुत्तों की इतनी दहशत नहीं देखी गई जितनी बीते 2 दिनों से दिख रही है। लोगों का कहना है कि कुछ कुत्ते पागल हो चुके तभी वे अचानक लोगों पर हमला कर रहे हैं, बीते कल दिन भर में 4 लोगों को कुत्तों ने काट लिया है। अचानक बगल से गुजरते हुए पैर में काट रहे हैं। कल शाम को रावणभाटा की 60 वर्षीय बुजुर्ग जमुना बाई को उसके घर के पास ही अचानक कुत्ते ने पकड़ लिया और जगह जगह काट लिया। वहीं रात में आरती त्रिवेदी को भी घर के पास एक कुत्ते ने घायल कर दिया, भूपेंद्र टहलने निकला था वहां कुत्तों का शिकार बन गया । वहीं आज सुबह लोक निर्माण विभाग में कार्यरत लिपिक भोलाराम को मॉर्निंग वॉक करते समय शनि मंदिर के सामने कुत्ते ने पीछे से पकड़ लिया भोलाराम डाक बंगला निवासी है।
इसके अलावा कुत्तों ने 13 साल के भुनेश्वर, 3 साल के प्रतीक कुमार, 12 साल की बालिका शीबा खान, चेतन सिंह, डायमंड कुमार, राम कुमार, मोहनीश को भबी कुत्तों ने कट लिया है। घायल मरीजों को जहां गरियाबंद के शासकीय जिला चिकित्सालय में एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगवाए गए हैं। इन घटनाओं के बाद अब नगर में कुत्ते को देखते ही लोग दहशत में आ जाते हैं और यहां वहां छिपने का प्रयास कर रहे हैं। इन कुत्तों को पकड़ कर कहीं दूर जंगल में छोड़ने की मांग की गयी है वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि डेढ़ साल पहले रायपुर में हुई लगातार डॉग बाइट की घटनाओं के बाद वहां से पिंजरे में भर कर लाए गए सैकड़ों कुत्तों को गरियाबंद के 6 किलोमीटर आगे कोड़ोहरदी के जंगलों में छोड़ा गया था जिसके बाद गरियाबंद में कुत्तों की संख्या भी बढ़ गई थी लोगों का कहना है। इस बार भी कुत्ते हिंसक हो तो इन्हें पकड़कर कहीं दूर छोड़ना होगा अन्यथा यह कुत्ते आने वाले दिनों में गरियाबंद में तांडव मचा सकते हैं। बहर हाल कुछ इलाकों में मुनादी करवाई जा रही है कि कुत्तें से दूर रहें।

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