छत्तीसगढ़

जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को वापस बुला सकती है छत्तीसगढ़ सरकार !

रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव सुनील कुजूर के सेवा विस्तार का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास विचारधीन है। कुजूर अक्टूबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन उनके सेवा विस्तार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अब तक रुख स्पष्ट नहीं किया है।
राज्य सरकार उन्हें छह महीने और सीएस के पद पर रखना चाह रही है। अफसरों के अनुसार केंद्र से इसकी अनुमति नहीं मिली। ऐसे में राज्य सरकार को उन्हें सेवानिवृत्त करना ही पड़ेगा। अगर यह नौबत आती है तो राज्य सरकार जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव सुब्रमण्यम को वापस बुला सकती है।
मंत्रालय के गलियारों में इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। राज्य में आइएएस अफसरों की कमी का हवाला देकर सरकार उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आग्रह केंद्र से कर सकती है।
मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण फिलहाल इस मामले में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है, लेकिन मंत्रालय के आला सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार सुब्रमण्यम की वापसी की मांग कर कुजूर के सेवाविस्तार के प्रस्ताव को स्वीकृत कराने का दबाव बना सकती है। उल्लेखनीय है कि सुब्रमण्यम छत्तीसगढ़ कैडर के 1987 बैच के आइएएस हैं।
सुब्रमण्यम सितंबर 2022 तक सेवा में रहेंगे। फिलहाल वे जून 2018 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में है। उन्हें गए अभी करीब 14 महीने हुए हैं। आला अफसरों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में केंद्र सरकार उन्हें वहां से हटाने को राजी नहीं होगी। ऐसे में उनकी छत्तीसगढ़ वापसी संभव नहीं है।
वैसे भी सुब्रमण्यम राज्य कैडर की वरिष्ठता सूची में सातवें नंबर पर हैं। यहां उनका रैंक एसीएस है। 1986 बैच के कुजूर इस वक्त सीएस हैं। कैडर में वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर 1983 बैच के अजय सिंह हैं। पूर्ववर्ती सरकार में वे मुख्य सचिव थे, फिलहाल राजस्व मंडल के अध्यक्ष हैं। कैडर में दूसरे नंबर पर 1985 बैच के एन. बैजेंद्र कुमार हैं।
अभी वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और एनएमडीसी के अध्यक्ष हैं। तीसरे नंबर पर 1986 बैच के डॉ. आलोक शुक्ला हैं। बहुचर्चित नान घोटाले में नाम आने के बाद से वे मंत्रालय में बिना विभाग के पदस्थ हैं। सुब्रमण्य के साथ 1987 बैच के दो अफसर और राज्य में हैं। इनमें सीके खेतान और आरपी मंडल शामिल हैं। दोनों सुब्रमण्यम से ऊपर हैं।

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