बेंगलुरू- जिस कर्नाटक का उदाहरण देकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कर्ज माफी का वादा कर रही है, वहां के किसान सड़कों पर विधानसभा घेरने की चेतावनी दे रहे है, किसानों को लेकर कांग्रेस जिस तरह से चुनावी राज्यों में माहौल बना रही है, वो माहौल अब हवा होते दिख रहा है, कर्नाटक और पंजाब का नाम लेकर राहुल अपनी हर सभा में किसानों का हमदर्द होने की बात कह रहे हैं, लेकिन हकीकत आप खुद देख लिजिए…कर्नाटक के बीगवी में गन्ना किसानों ने 15 नवंबर से राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है., वहीं अब सुवर्ण सादा जिले के किसान सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं..किसानों अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी मांग रहे हैं, किसान नेताओं की मानें तो सरकार ने चुनाव में जो भी वादे किए हैं..वो पूरे नहीं हुए..न कर्ज माफी हुई और न ही समर्थन मूल्य की बात सरकार अब मान रही है….किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे शीतकालीन सत्र में बाधा पहुंचाएंगे…इस खबर के बाद डी कुमारस्वामी सरकार हरकत में आई और किसानों के साथ बैठक ली..लेकिन किसानों ने सरकार को 20 नवंबर तक मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दे डाली…वहीं सरकार की मानें तो वो किसानों की समस्या का हल नवंबर आखिर तक कर देगी…अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जिन राज्यों का उदाहरण छत्तीसगढ़ में दिया जा रहा है वहां की हालत क्या है..किसान सड़क पर है, आंदोलन कर रही है..लेकिन कांग्रेस के समर्थन वाली जेडीएस सरकार के कान में जू तक नहीं रेंग रही है….कर्जमाफी की बात करने वाली कांग्रेस का झूठ अब धीरे-धीरे ही सही बेनकाब होता जा रहा है…क्योंकि छत्तीसगढ़ में जिस सरकार ने किसानों का दर्द समझा है….उसी के खिलाफ कांग्रेस ने कर्ज माफी का लॉलीपाप मार्केट में उतारा है |
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