छत्तीसगढ़

जीता लोकतंत्र, कुलपति की कार के सामने लेटकर छात्रों ने तानाशाह प्रबंधन को हराया

आखिरकार सेंट्रल युनिवर्सिटी में चुनावी सुगबुगाहट तेज, प्रशासन ने मानी मांगें

बिलासपुर। ग्यारह महीनों के सत्र में से सात महीने बीत जाने के बाद आखिरकार सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्रों के लोकतंत्र की जीत होती नजर आ रही है। छात्र परिषद चुनावों के प्रति लगातार उदासीन और एकेडमिक कैलेण्डर का पालन नहीं कर कामकाज को तानाशाहीपूर्ण ढंग से चलाने वाला सीयू प्रबंधन गुरुवार को बैकफुट पर नजर आया।
चुनावों में लगातार हो रही देरी और छात्र परिषद चुनाव कराने की जगह स्पोट्स वीक और विभिन्न विभागों के वार्षिकोत्सव के आयोजन का विरोध लगातार हो रहा था। लोकस्वर ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
खबर के प्रकाशित होने के बाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी इसे गंभीरता से लिया और गुरुवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का घ्ोराव कर दिया। देर शाम तक चली चर्चा
विश्वविद्यालय के सूत्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि लगातार हो रहे विरोध के चलते प्रशासन अब फेस्ट से पहले छात्र परिषद चुनाव कराने की मांग पर सहमत हो गया है। देर शाम तक इस सिलसिले में विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चर्चा की।
माना जा रहा है कि आज देर शाम या फिर सोमवार तक विश्वविद्यालय में छात्र परिषद चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। साथ ही इस बात की सूचना मिल रही है किमुख्य चुनाव अधिकारी के लिए बायोटेक के प्रोफेसर बीएन तिवारी के नाम पर मुहर भी लगा दी गई है।
संभवत: शुक्रवार को बैठक कर चुनाव की पूरी प्रक्रिया तय की जाएगी।

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