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हसदेव अरण्य के मुद्दे को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और केदार कश्यप ने सरकार पर साधा निशाना

हसदेव अरण्य के मुद्दे को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और केदार कश्यप ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, भूपेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं, हसदेव जंगल उजाड़ने अगर गोली चलेगी तो पहली गोली मैं खाऊंगा. गोली खाने की जरूरत नहीं है. हसदेव बचाना है तो इस्तीफा देकर जाए और लड़ाई का हिस्सा बनें.

बता दें कि, हसदेव आंदोलन को बीजेपी ने अपना समर्थन दिया है. भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि,आदिवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा, हसदेव अरण्य को लेकर पूरा देश विचलित है. वैश्विक स्तर पर भी इसका विरोध हो रहा है.

आगे उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि, राज्य सरकार के निर्णय से मैं सहमत नहीं. इस पर चर्चा करूंगा. वहीं मुख्यमंत्री का छत्तीसगढ़ विरोधी बयान आ रहा है. पेड़ों की कटाई का समर्थन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ियों की बात करने वाले मुख्यमंत्री से हम पूछना चाहते हैं कि कहां गया छत्तीसगढ़? कहां जाएगा हसदेव अरण्य?

मध्य भारत का सबसे बड़ा जंगल है. हसदेव अरण्य के 4 लाख पेड़ काट दिए जाएंगे. जिन क्षेत्रों में जंगल कम है वहां अनुमति क्यों नहीं दी जा रही. बीजेपी पूरी तरह आदिवासियों के साथ है. मनुष्य के लिए आक्सीजन ज्यादा जरूरी है या कोयला? हसदेव के जंगल कट जाएंगे तो छत्तीसगढ़ की क्या स्थिति होगी. तापमान बढ़ जाएगा.

आगे उन्होंने कहा कि, बीजेपी प्रतिनिधिमंडल हसदेव अरण्य के प्रभावित लोगों से मिला. ये योजना छत्तीसगढ़ को बर्बाद करने वाली योजना है. हसदेव बांगो डैम से पांच लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है. जंगल कटने से कैचमेंट एरिया प्रभावित होगा. सिंचाई खत्म हो जाएगी. ये इलाका हाथियों का हैबिटेट सेंटर है. कोल माइन देने के लिए लेमरु प्रोजेक्ट का हिस्सा कम किया.

वहीं मुख्यमंत्री के बड़े भाई राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. तीन साल से रुका प्रोजेक्ट तीन महीने में शुरू हो गया. अगर राज्य सरकार फॉरेस्ट क्लीयररेंस नहीं देती तो कटाई शुरू होती? छत्तीसगढ़ के हितों की अनदेखी करने, बलि चढ़ाने का काम भूपेश सरकार कर रही है.

छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी भूपेश सरकार की है. आने वाला समय ऐसा होगा कि बिजली बनाने कोयले की निर्भरता खत्म होगी. इसकी बजाय राज्य में सोलर एनर्जी पैदा करने की दिशा में सरकार काम क्यों नहीं कर रही? हम विंड एनर्जी का उपयोग क्यों नहीं कर सकते? अपने हितों की पूर्ति के लिए जंगल को समाप्त करने का काम सरकार कर रही है. हसदेव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री जनता को गुमराह कर रहे हैं. मुख्यमंत्री खुद 10 मिनट बगैर ऑक्सीजन के रह लें फिर बात करें.

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